Akshaya Tritiya 2019 : क्या आपको पता है आखा तीज से जुड़ी यह 10 विशेष पौराणिक घटनाएं

Webdunia
अक्षय तृतीया को हिन्दू पंचांग में बेहद शुभ माना जाता है। इस पर्व का दूसरा नाम आखा तीज भी है। लेकिन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आम लोगों में अक्षय तृतीया के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है। अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है और इस दिन श्रीहरि और लक्ष्मी जी की खास पूजा की जाती है। वहीं अक्षय तृतीया के अन्‍य कई महत्‍व भी हैं जो इसे हिंदू धर्म की इतनी खास तिथि बनाते हैं। इसे भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम की जन्मतिथि माना जाता है तो मान्‍यता ये भी है कि मां गंगा का धरती पर आगमन अक्षय तृतीया पर ही हुआ था। इस दिन पितृ पक्ष में किये गए पिंडदान का अक्षय परिणाम भी मिलता है। 
 
अक्षय तृतीया को महाभारत से भी जोड़ा जाता है। मान्‍यता है कि आखा तीज वाले दिन से ही वेद व्यास और श्रीगणेश द्वारा महाभारत ग्रन्थ के लेखन का प्रारंभ हुआ था। देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री बद्रीनाथ के कपाट भी भक्तों के लिए अक्षय तृतीया वाली तिथि से ही खोले जाते हैं। भगवान कृष्‍ण से भी अक्षय तृतीया का महत्‍व जुड़ा हुआ है। वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर में सम्पूर्ण वर्ष में केवल एक बार, इसी तिथि में श्री विग्रह के चरणों के
दर्शन होते हैं। वहीं कृष्‍ण लीला में माना गया है कि अक्षय तृतीया के दिन ही मुरलीधर से मिलने सुदामा पहुंचे थे।
 
इन पौराणिक घटनाओं से जुड़ी है अक्षय तृतीया - 
 
अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम की जन्मतिथि माना गया है। 
 
चार युगों की शुरुआत अक्षय तृतीया से मानी गई है। इसी दिन से सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ बताया जाता है। 
 
अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव का अवतरण हुआ था। 
    
ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी अक्षय तृतीया से ही जुड़ा है। 
    
वेद व्यास और श्रीगणेश द्वारा महाभारत ग्रन्थ के लेखन का प्रारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन से ही माना जाता है। 
    
अक्षय तृतीया के दिन ही महाभारत के युद्ध का समापन भी हुआ था। 
 
अक्षय तृतीया के दिन ही द्वापर युग का समापन माना गया है। 
    
मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। 
 
देश के पवित्र तीर्थस्थल श्री बद्रीनाथ के कपाट भी भक्तों के लिए अक्षय तृतीया वाली तिथि से ही खोले जाते हैं। 
 
वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर में सम्पूर्ण वर्ष में केवल एक बार, अक्षय तृतीया पर ही श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Surya in vrishchi 2024: सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, 4 राशियों के लिए बहुत ही शुभ

दत्तात्रेय जयंती कब है? जानिए महत्व

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

काल भैरव जयंती पर करें मात्र 5 उपाय, फिर देखें चमत्कार

सभी देखें

धर्म संसार

IRCTC के स्पेशल पैकेज में कम बजट में करें प्रभु जगन्नाथ की नगरी का टूर

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

मार्गशीर्ष चतुर्थी कथा: गणाधिप संकष्टी का व्रत इस कथा के बिना पूर्ण नहीं होता है, यहां पढ़ें

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी आज, जानें शुभ समय, महत्व और पूजा विधि

Aaj Ka Rashifal: क्या खास लाया है 18 नवंबर का दिन आपके लिए, पढ़ें दैनिक राशिफल

अगला लेख
More