पहला ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट
- अशोक सिंह
फार्मेसी का बढ़ता महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इसकी मास्टर्स डिग्री में दाखिले के लिए वर्ष 2010 से अलग अखिल भारतीय स्तर की चयन परीक्षा (ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट) का आयोजन किया जा रहा है। फार्मेसी ग्रेजुएट्स की बढ़ती संख्या देखते हुए गेट की संचालन समिति द्वारा गत वर्ष ही इस संबंध में असमर्थता व्यक्त की गई थी। इसके बाद ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन के निर्देश पर गठित नेशनल मॉनीटरिंग कमिटी की सिफारिश के अनुसार इस विशिष्ट परीक्षा की शुरुआत की जा रही है। इस वर्ष की जीपीएटी परीक्षा का आयोजन 'एम एस यूनीवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा' द्वारा किया जा रहा है। परीक्षा की अवधि तीन घंटे होगी और इसमें केवल एक प्रश्नपत्र होगा। परीक्षा में कुल 100 प्रश्न होंगे जिनमें अधिकतम 100 अंकों का प्रावधान होगा। इसमें ऑब्जैक्टिव टाइप प्रश्नों का ही प्रावधान होगा। प्रत्येक प्रश्न के साथ चार संभावित उत्तर दिए होंगे, इनमें से सही विकल्प का चयन प्रत्याशियों को करना होगा। गलत उत्तर देने पर नेगेटिव अंक के रूप में 1/3 अंक काट लिए जाएँगे। जहाँ तक सिलेबस की बात है तो इसके प्रमुख विषयों में नेचुरल प्रोडक्ट्स, फार्माकोलॉजी, मेडिसिनल केमिस्ट्री, फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्यूटिकल ज्यूरीस्प्रेड्स, फार्मास्यूटिकल एनालिसिस, बायोकेमिस्ट्री, क्लीनिकल फार्मेसी इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। दिनांक 2 मई को देश के 60 से अधिक शहरों में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा के नतीजे 24 मई को घोषित कर दिए जाएँगे। आवेदन की अंतिम तिथि 12 मार्च है।