krishna ji ki aarti: ब्रजमंडल में मधुरा, गोकुल, वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन आदि सभी कृष्ण धाम शामिल है। ब्रजवासी श्री कृष्ण को ब्रज नंदन भी कहते हैं। व्रजनंदन जी के नाम की आरती भी प्रचलन में है। आओ पढ़ते हैं करत आरती नवब्रजनारी की। आरती करो ब्रज नारी की।
भगवान् श्रीव्रजनन्दन की आरती
करत आरती नवब्रजनारी।
अगर कपूर सुगन्धित बूका,
बिबिध भांति की सांझ संवारी।।
घंटा झालर शंख नृसिंहा,
बिजै घंट धुनि परम सुखारी।
बंसी बीन मृदंग तम्बूरा,
सहनाई बाजत है न्यारी।।
बरसत फूल गगन सों सुरगन,
देवबधू नाचत दै तारी।
हरषत सखी करत न्योछावर,
नारायण होवैं बलिहारी।।
----------समाप्त----------