त्वरित फलदायी है शिव रुद्राष्टक का पवित्र पाठ...

WD Feature Desk
कोई भी साधक ज्यादा कुछ न करके यदि भगवान शिव का ध्यान करते हुए रामचरित मानस से लिया गया इस लयात्मक स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करें, तो वह शिवजी का कृपापात्र हो जाता है। यह स्तोत्र बहुत थोड़े समय में कण्ठस्थ हो जाता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए यह रुद्राष्टक बहुत प्रसिद्ध तथा त्वरित फलदायी है।
 
शिव को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ पाठ शिव रूद्राष्टकम...

'ॐ नमः शिवायः'  
 
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्‌ ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्‌ ॥
 
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्‌ ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्‌ ॥
 
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्‌ ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
 
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्‌ ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
 
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्‌ ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्‌ ॥
 
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
 
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्‌ ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
 
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम्‌ सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्‌ ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
 
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।। 
 
  ॥ इति श्रीगोस्वामीतुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बुध का मेष राशि में गोचर, 4 राशियों के रहेगा शुभ

मई 2025 का मासिक राशिफल: हर राशि के लिए विशेष भविष्यवाणियां

कब है वृषभ संक्रांति, क्या है इसका महत्व

भारत के संबंध में बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस और अच्युतानंद ने पहले ही बता दी थीं ये बातें

जूठे बचे भोजन का क्या करना चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने बताया उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

04 मई 2025 : आपका जन्मदिन

04 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

भृगु ऋषि ने पहले ही कर दी थी ये भविष्यवाणी, ग्रहों के एक ही सीध में आने से क्या होगा?

बगलामुखी जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? जानें, महत्व, विधि, पूजा के लाभ और मंत्र

केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो ये 5 काम जरूर करें, नहीं तो जाना व्यर्थ ही समझो

अगला लेख
More