Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

साल 2016 : नेपाल में रही राजनीतिक उथल-पुथल...

हमें फॉलो करें साल 2016 : नेपाल में रही राजनीतिक उथल-पुथल...
नई दिल्ली। वर्ष 2016 नेपाल के लिए राजनीतिक दृष्टि से बड़ा उथल-पुथलभरा रहा। नए संविधान का विरोध कर रहे मधेसियों की भारत सीमा पर आर्थिक नाकेबंदी हट गई, वहीं माओवादी प्रमुख प्रचंड ने राजनीतिक रस्साकस्सी के बीच केपी शर्मा ओली से सरकार की कमान संभाली, हालांकि इसी बीच नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला का निधन हो गया और 3 बार प्रधानमंत्री रहे शेख बहादुर देऊबा नेपाली कांग्रेस के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
साल के प्रारंभ में 3 बड़े राजनीतिक दलों और मधेसी फ्रंट ने नए संविधान को लेकर देश में राजनीतिक संकट समाप्त करने के प्रयास के तहत आंदोलनकारी समूहों की मांगों पर साझा आधार ढूंढने के लिए एक कार्यबल बनाने का फैसला किया।
 
संसद ने अल्पसंख्यक मधेसी समुदाय से जुड़े राजनीतिक संकट को हल करने की कोशिश के तहत देश के संविधान को उसकी उद्घोषणा के महज 4 महीने में दो-तिहाई बहुमत से संशोधित करने के लिए मतदान किया, लेकिन मधेसियों ने इसे अधूरा करार देकर अपने विरोध कार्यक्रमों की घोषणा कर दी।
 
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि जब तक सीमा पर नाकेबंदी खत्म नहीं होती, उनके लिए भारत की यात्रा अनुपयुक्त होगी, इस तरह उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा को सीमा पर स्थिति सामान्य होने से जोड़ दिया। उपप्रधानमंत्री सीपी मैनाली ने कहा कि नेपाल का भारत से भले ही कुछ मतभेद हो लेकिन वह उसके प्रति कभी दुश्मनी नहीं दिखा सकता।
 
इसी बीच नेपाल ने आंदोलनकारी मधेसियों के पक्ष में आए बिहार के कुछ नेताओं के बयान पर चिंता प्रकट की और उन्हें भड़काऊ बताया। उसने कहा कि इससे भारत के साथ उसके सौहार्दपूर्ण संबंधों पर गंभीर असर पड़ सकता है, हालांकि पहली बार फरवरी में 150 से अधिक ट्रक 4 महीने से अधिक समय की नाकेबंदी के बाद नेपाल में दाखिल हुए। नए संविधान का मुखालफत कर रहे मधेसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर अपनी 5 महीने से चल रही नाकेबंदी वापस ले ली। नाकेबंदी से नेपाल में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत पैदा होने के साथ ही दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला चल बसे। वे भारत के साथ दोस्ताना रिश्ते के समर्थक थे। उन्होंने पिछले वर्ष नए संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।
 
भारत एवं नेपाल के अधिकारियों की उच्चस्तरीय यात्राओं से भारत-नेपाल सीमा पर नाकेबंदी हटाने में मदद मिली और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा का मार्ग प्रशस्त हुआ। ओली ने नेपाल की अंदरूनी समस्याओं को खत्म करने का वादा करते हुए कहा कि मधेसियों की मांगों पर विचार करने के लिए उनकी यात्रा से पहले प्रस्तावित समिति बनाई जाएगी।
 
नेपाल ने मधेसियों के साथ सुलह के लिए नए संविधान के तहत प्रांतों के सीमांकन के विवादास्पद मुद्दे के हल के लिए राजनीतिक पैनल बनाया। पैनल ने कहा कि ओली की भारत यात्रा फलदायक रही, क्योंकि इससे नए संविधान की उद्घोषणा से उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल पर दोनों पड़ोसियों के बीच गलतफहमी दूर हुई।
 
ओली ने कहा कि उनकी यात्रा से संविधान विरोधी आंदोलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास दूर करने और संबंधों में सुधार लाने में मदद मिली। उन्होंने नेपाल के संविधान के बारे में गलतफहमी दूर करने की कोशिश की तथा भारतीय नेतृत्व को आश्वासन दिया कि वे नेपाल की सरजमीं का पड़ोसियों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे, हालांकि मधेसी फ्रंट ने यात्रा को पूर्णत: विफल करार दिया और मांगें नहीं माने जाने पर नए आंदोलन की चेतावनी दी। इसी बीच 3 बार प्रधानमंत्री रहे शेख बहादुर देऊबा नेपाली कांग्रेस के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
 
भारत ने कहा कि वह नेपाल में राजनीतिक स्थायित्व एवं विकास चाहता है, क्योंकि उसकी अपनी सुरक्षा नेपाल की समृद्धि से जुड़ी है। इसी बीच ओली ने कहा कि नेपाल दूसरे देशों के लिए प्रयोगशाला नहीं होगा, हालांकि उन्होंने नए संविधान पर मतभेद दूर करने के लिए आंदोलनकारी मधेसियों से नए सिरे से वार्ता का आह्वान किया।
 
देश में मचे राजनीतिक घमासान के बीच प्रचंड की अगुवाई वाले माओवादियों के यू-टर्न के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार अल्प समय के लिए बच गई। माओवादियों ने कहा कि फिलहाल वे समर्थन वापस नहीं ले रहे। वैसे उपप्रधानमंत्री सी. पीमैनाली ने कहा कि सत्तारूढ़ दलों ने सरकार की कमान उपयुक्त समय पर माओवादी प्रमुख प्रचंड को सौंपने पर चर्चा की है लेकिन ओली ने नेतृत्व परिवर्तन से इंकार किया। संकट में घिरे प्रधानमंत्री ओली ने विश्वास मत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया और उन्होंने नेपाल को प्रयोगशाला में तब्दील करने के लिए विदेशी तत्वों द्वारा साजिश करने का आरोप लगाया।
 
माओवादी प्रमुख प्रचंड ने चीन को नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद भी अहम द्विपक्षीय संधियों को लागू करने का आश्वासन दिया। इन संधियों में नेपाल के संबंध में परिवहन पर भारत के एकाधिकार का समापन भी है। प्रचंड 3 सूत्री संधि कर मधेसियों का अहम समर्थन पाकर दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। प्रचंड ने सितंबर में भारत की 3 दिवसीय यात्रा की, जो उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
 
दक्षेस के अध्यक्ष नेपाल ने कहा कि भारत समेत 5 देशों के हाथ खींच लेने के चलते स्थगित हुए दक्षेस सम्मेलन को कराने के लिए वह सदस्य देशों के साथ बात करेगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान कहा कि नेपाल, भारत के संविधान निर्माण अनुभव पर गौर कर सकता है लेकिन कोई सीख लेना है या नहीं, यह उसे खुद तय करना है। मुखर्जी ने भारतीय सेना की गुरखा रेजीमेंट को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों की बेसिक पेंशन 2.57 गुना बढ़ा दी गई है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सोना 250 रुपए टूट 11 माह के निम्न स्तर पर