मुंबई। उम्मीदों के पंख पर सवार बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने पिछले 5 सालों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 2014 में 6,000 अंक से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्रमुख शेयरों की कीमतों में उछाल से बाजार में निवेश करने वालों की संपत्ति इतिहास में पहली बार 1,00,000 अरब रुपए को पार कर गई।
साल को खत्म होने के साथ केवल 4 दिन का कारोबार बचा है। सेंसेक्स अब तक इस साल करीब 29 प्रतिशत अथवा 6,038 अंक बढ़ चुका है। 2009 के बाद यह दूसरी बड़ी वार्षिक बढ़त है। उस साल यह 7,817 अंक बढ़ा था।
सेंसेक्स साल समाप्त होने तक यदि 6,500 अंक से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर्ज करने में कामयाब होता है तो यह 2007 के बाद दूसरी सर्वाधिक होगी। प्रतिशत में वृद्धि के लिहाज से भी इस साल की सेंसेक्स की वृद्धि (81 प्रतिशत) वर्ष 2009 के बाद सर्वाधिक होगी।
बाजार प्रतिभागियों को उम्मीद है कि वर्ष 2015 भी शेयर बाजार के लिए जोरदार रहेगा, क्योंकि आने वाले समय में भारतीय बाजार के समक्ष कोई नकारात्मक संकेत नहीं है और विदेशी संस्थागत निवेशक स्थानीय शेयरों में और अधिक पूंजी झोंक सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2014 की तेजी खासकर आम चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार के गठन के कारण आई है। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
एक अन्य प्रमुख सूचकांक निफ्टी-50 भी साल के दौरान करीब 30 प्रतिशत बढ़कर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। साल के आखिरी कुछ दिनों में खासकर विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के दबाव में इस समय बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से कुछ नीचे आ गए हैं।
बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स इस वर्ष 28,822 अंक की उंचाई को छू गया, जो इस समय 27,209 के करीब है, पर यह फरवरी के 19,963 के मुकाबले अब भी काफी ऊंचा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी फरवरी के 5,933 अंक के मुकाबले इस समय 8,174 अंक पर है।
बंबई शेयर बाजार वर्ष 2011 की भारी गिरावट के बाद 2014 तक 3 साल शेयर बाजारों में लगातार वार्षिक सुधार दर्ज किया गया है। 2013 में सेंसेक्स में 9 प्रतिशत (1,744 अंक) की वृद्धि दर्ज की गई थी।
निवेशकों को क्या है 2015 से उम्मीद... अगले पन्ने पर...
निवेशकों को नए साल में भी बाजार में तेजी बने रहने की उम्मीद है। उन्हें आर्थिक सुधारों के आगे बढ़ने की उम्मीद है। सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में 5 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी के सफल विनिवेश के बाद निवेशकों को नए साल में सरकार का विनिवेश कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है जिससे बाजार में गतिविधियां बढ़ेंगी।
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने सब्सिडी कटौती की दिशा में भी कदम उठाए हैं जबकि दूसरी तरफ विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाया है।
हाल के वर्षों में पहली बार बीएसई के सभी 12 सूचकांकों में भारी बढ़त दर्ज की गई। इनमें से 7 तो नई ऊंचाई पर पहुंच गए। बैंकों, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, स्वास्थ्य देखभाल और ऑटो क्षेत्र के सूचकांक में सबसे ज्यादा वृद्धि रही।
सेंसेक्स में शामिल ज्यादातर शेयर साल की समाप्ति 1 से लेकर 90 प्रतिशत तक वृद्धि हासिल करने के साथ करेंगे। केवल कुछ शेयरों जैसे एनटीपीसी, टाटा पॉवर, टाटा स्टील और विप्रो में नरमी बनी रही।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में मारुति सुजुकी, ऐक्सिस बैंक, स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सिप्ला, भेल, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, सन फार्मा, बजाज ऑटो, कोल इंडिया, डॉ. रेड्डीज लैब, हिन्डाल्को, एचयूएल, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा और टाटा मोटर्स में वर्ष के दौरान अच्छी बढ़त दर्ज की गई।
इसके अलावा दूसरी पंक्ति के शेयरों में भी वर्ष के दौरान खुदरा निवेशकों की काफी रुचि देखी गई। (भाषा)