Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जख्म दे गया 'काला साल'

हमें फॉलो करें जख्म दे गया 'काला साल'

संदीपसिंह सिसोदिया

वर्ष 2008 हमेशा एक 'काले साल' के रूप में जाना जाएगा। इस वर्ष ने आतंक के स्याह साए को दुनिया पर गहराते देखा है तो एक अश्वेत व्यक्ति को महाशक्ति अमेरिका का शक्तिमान होते देखा है।

जर्जर हो चुके इराक में एक महाशक्ति के राष्ट्रपति की विदाई भी काले जूते फेंककर दी गई तो आर्थिक मंदी ने भी अपनी काली परछाई से हर आम और खास को डराया। वैसे भी ज्योतिष के आधार पर देखें तो 'आठ नंबर' शनि का माना जाता है और उसका रंग भी काला होता है

WDWD
अमेरिका में एक अश्वेत और मुस्लिम पिता की संतान बराक ओबामा का राष्ट्रपति चुना जाना तथा विश्व की अर्थव्यवस्था पर आर्थिक मंदी की मार ऐसी घटनाएँ है, जिसने पूरी दुनिया को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित किया है। ये दोनों घटनाएँ हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों पर अमिट छाप छोड़ेंगी।

मंदी की मार : शेयर मार्केट पर आधारित अमेरिका की अर्थव्यवस्था अपने देशवासियों को कर्ज देते-देते धराशायी हो गई और लेहमैन ब्रदर्स और मैरिल लिंच के दिवालिया घोषित होने से शुरू हुए वैश्विक आर्थिक संकट ने यूरोप होते हुए जापान के रास्ते एशिया में प्रवेश किया और इसके लपेटे में टाइगर इकॉनोमी कहे जाने वाले जापान, चीन, दक्षिण कोरिया भी आ गए हैं।

webdunia
WDWD
स्वर्णिम ऊँचाई छू रहा भारतीय शेयर बाजार भी एकाएक 20000 से 7000 अंकों पर आ गिरा और आर्थिक मंदी का भय चहुँओर फैल गया। हालाँकि भारतीय सरकार द्वारा समय रहते कदम उठाने से स्थिति उतनी नहीं बिगड़ी जितना कि अंदेशा था, पर मंदी से जूझ रही जनता पर महँगाई की दोतरफा मार पड़ी।

webdunia
WDWD
तेल का खेल : इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़कर रिकॉर्ड 149 डॉलर प्रति बैरल हो गए, जो वर्ष के अंत में 34 डॉलर से भी नीचे आ गए। जून में देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई। मुद्रास्फीति बढ़कर 11 प्रतिशत हो गई और इसका असर रोजमर्रा की वस्तुओं पर आया और खाद्य पदार्थ महँगे हो गए।

आम आदमी की रसोई पर इस मार के कारण भी मंदी का हौव्वा लोगों के सिर चढ़कर बोला। हालाँकि साल खत्म होते-होते पेट्रोल के दाम भी कम हुए और महँगाई दर 6.84 प्रतिशत तक नीचे आ चुकी है, लेकिन इसका प्रभाव अभी आम आदमी को कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

भारत को आया करार : कड़े विरोध के बावजूद अन्तत: भारत-अमेरिका परमाणु करार को हरी झंडी मिल ही गई। हालाँकि अमेरिकी 'हाइड एक्ट' को लेकर भारतीय पक्ष की आशंकाएँ अब भी अपनी जगह कायम हैं।

आतंकवाद का नया चेहरा : आतंक से जूझ रहे भारत के लिए एक साध्वी और सेना के अधिकारी का बम विस्फोट में संदिग्ध पाया जाना भी एक चौंकाने वाली घटना रही। इस्लामिक आतंकवाद के जवाब में हिन्दू आतंकवाद का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उछाला गया। लगभग हर समाचार-पत्र तथा टेलीविजन चैनल पर इसका शोर मचा रहा, जो 26/11 के बाद दब गया

webdunia
WD
मुंबई में मातम : इस बार आतंकियों ने मानो हर किसी को चुनौती देते हुई एक साथ मुंबई के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमला बोल कत्लेआम मचा दिया। इस आतंकी हमले में करीब 200 लोगों की जान गई। सुरक्षित समझे जाने वाले पाँच सितारा होटल भी इस बार इन आतंकियों के कहर से बच नहीं सके। मीडिया द्वारा इस घटना के लाइव कवरेज को लेकर भी बहुत विवाद हुआ। 60 घंटे तक चली लड़ाई के बाद आतंकियों से होटल ताज को मुक्त्त कराया जा सका। इस ऑपरेशन में कई सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए।

निशाने पर नेता : आतंकवादी हमलों को रोकने में विफलता, नेताओं की लगातार खराब होती छवि तथा गैरजिम्मेदाराना रुख से जनता के सब्र का बाँध टूट गया। हर ओर उपजे गुस्से और असंतोष के चलते शीर्ष पदों पर आसीन केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल को अपने पद छोड़ना पड़े।

ओलिंपिक में लाल चीन का दबदबा : इस वर्ष बीजिंग में हुए खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक में अमेरिकी दबदबे का पटाक्षेप हो गया। चीन ने अब तक के सबसे भव्य ओलिंपिक का आयोजन कर अमेरिका को खेलों और ओलिंपिक आयोजन में कड़ी टक्कर दी। भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी की दुर्दशा का आलम इस बार यह रहा कि पुरुष टीम इस बार ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई तक नहीं कर सकी।

webdunia
WDWD
हॉकी से चोट खाए भारत के लिए यह ओलिंपिक सुनहरी शुरुआत लेकर आया। अभिनव बिंद्रा ने पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक पर निशाना साधकर भारत के लिए स्वर्ण का खाता खोला। इसके बाद विजेन्दर और सुशील कुमार ने भी काँस्य पदक लेकर भारत को पदक तालिका में पहले के मुकाबले थोड़ा सम्मानजनक स्थान दिलवाया।

धोनी की धूम : भारत के अघोषित राष्ट्रीय खेल क्रिकेट में इस साल भारतीय टीम ने सफलता की नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। ललित मोदी के सिर पर इंडियन प्रीमियर लीग के सफल आयोजन का सेहरा बँधा और महेन्द्रसिंह धोनी की कप्तानी में 'बॉयज इन ब्लूस' ने विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट में 2-0 से हराकर नम्बर एक के तख्त की ओर अपने कदम बढ़ा दिए। सचिन तेंडुलकर का सबसे ज्यादा रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट का रिकॉर्ड तोड़ना, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले का क्रिकेट से संन्यास इस वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाएँ रहीं।

चाँद पर चमका तिरंगा : इस वर्ष भारत का बहुप्रतीक्षित चंद्रयान मिशन सफल रहा। चंद्रयान को चाँद पर भेजकर अब भारत 6 विकसित देशों के समकक्ष आ खड़ा हुआ है। चाँद पर पहुँचना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, पर सबसे हैरानी और खुशी इस बात की रही कि इस पूरे मिशन में भारत का ब्रेन माने जाने वाले संस्थान आईआईटी का कोई भी विद्यार्थी शामिल नहीं था। स्वदेशी तकनीक से चंद्रदेव की परिक्रमा कर और उस पर उतरकर भारत का झंडा फहराकर इसरो ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक गंभीर प्रतिस्पर्धी के तौर पर स्थापित कर दिया है।

webdunia
WD
लोकतंत्र पर कालिख : भारत में यह साल आतंकवाद, कोसी की बाढ़, भुखमरी और संसद में नोटों के बंडल लहराने की घटना को नेताओं के नैतिक पतन के रूप में भी याद किया जाएगा। मुंबई, दिल्ली, जयपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद आदि सभी जगह सालभर धमाके होते रहे और केंद्रीय गृहमंत्री शिवराज पाटिल अपनी साज-सज्जा को लेकर ज्यादा संजीदा रहे।

लालफीताशाही के चलते बिहार में कोसी के कहर से लाखों लोग प्रभावित हुए, नेताओं, अधिकारियों और जिला प्रमुखों के आपसी तालमेल के अभाव के चलते नेपाल से अतिरिक्त पानी बहने पर कोई कदम नही उठाया गया और नतीजतन बिहार को कई दशकों की सबसे भयानक बाढ़ का सामना करना पड़ा। बिहार में आई बाढ़ को इसकी भयावहता के कारण राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया गया। उड़ीसा और बुंदेलखंड में हजारों लोगों को अन्न का एक भी दाना नसीब नहीं हुआ और भुखमरी जैसे हालात से कई मौतें हुईं।

सुलगता रहा सिंगूर : देश में इस वर्ष कानून-व्यवस्था बिगड़ी रही। आतंकी हमलों से लेकर नक्सली हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गई। पश्चिम बंगाल में सिंगूर सुलगता रहा तो उड़ीसा के कंधमाल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसा में 48 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा। मध्यम श्रेणी के शहरों में भी साम्प्रदायिक हिंसा और दंगे-फसाद हुए।

webdunia
WDWD
क्षेत्रवाघिनौनचेहरा : आमची मुंबई को अपनी बपौती मानने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के इशारे पर महाराष्ट्र में एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने उत्तर भारतीयों पर जमकर अत्याचार मचाया, जिसके चलते 2 लोगों की मौत हुई। इस घटना का सबसे दुःखद पहलू तब दिखा जब पटना निवासी एक छात्र राहुल राज ने इसके विरोध में एक बस अगवा की। इसके बाद हुए दुःखद घटनाक्रम में राहुल राज पुलिस की गोली का शिकार हो गया। इस मामले को लेकर उप्र तथा बिहार के नेताओं ने प्रधानमंत्री से मिलकर विरोध दर्ज कराया। इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र सरकार दुविधा में दिखी और कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई।
नैतिकतछिड़बहस : आरुषि-हेमराज हत्याकांड की गुत्थी ने एक बार फिर भारतीय शहरी समाज में नैतिकता को लेकर नई बहस छेड़ दी। सीबीआई भी अब तक इस मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा टीआरपी बढ़ाने के लिए इस केस में क्या-क्या कहानियाँ नहीं सुनाई गईं, जो सच्चाई से कोसों दूर रहीं और कामकाजी परिवारों में बच्चों पर ध्यान न दे पाने वाला एक मूल मुद्दा पीछे रह गया

webdunia
WDWD
सत्ता का सेमीफाइनल : सत्ता का सेमीफाइनल कहलाने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा। राजस्थान में वसुंधरा राजे भाजपा को फिर सत्ता में नहीं ला सकीं। गुर्जर आंदोलन का खामियाजा उन्हें अपनी सत्ता खोकर चुकाना पड़ा। मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में शिवराज और रमनसिंह की सादगी और विकास कार्यों ने भाजपा को एकतरफा जीत दिलाई तो मिजोरम में 10 साल बाद फिर मतदाताओं ने कांग्रेस को मौका दिया। दिल्ली का दिल इस बार भी कांग्रेस की शीला दीक्षित ने जीत लिया। विजय मलहोत्रा 'सीएम इन वेटिंग' ही बने रहे।

लोकसभा चुनाव की कवायद में केन्द्र सरकार ने इस बार अपने पिटारे से किसानों और सरकारी कर्मचारियों के लिए सौगातें बाँटीं। किसानों को खुदकुशी से बचाने के लिए पैकेज की घोषणा की गई तो केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूर किया गया। हालाँकि सेना को सरकार खुश नहीं कर सकी।

इस साल पर्यावरण पर गंभीर चर्चा की गई, ग्रीन हाउस गैसों में कमी भी एक मुद्दा है, जो छोटा तो है, लेकिन अपने आप में बड़ा भी है और महत्त्वपूर्ण भी।

काकेशस क्राइसेस : जार्जिया पर रूस का हमला यूरेशिया में अमेरिकी और नाटो के बढ़ते प्रभाव से फैले तनाव की परिणिती रहा। 1992 से सुलग रही इस चिंगारी ने जॉर्जिया द्वारा दक्षिण ओसेतिया के अलगाववादियों को दबाने के लिए सैनिक भेजे जाने से भीषण आग का काम किया। इसके बाद रूस ने इसके खिलाफ तत्काल सैन्य कार्रवाई शुरू कर जॉर्जिया के सैनिकों को दक्षिण ओसेतिया में घुसने से रोक दिया और इस संघर्ष ने एक बार फिर शीतयुद्ध की सिहरन पैदा कर दी।

webdunia
WDWD
विज्ञान का महाप्रयोग : जिनेवा स्थित प्रयोगशाला सर्न ने पृथ्वी के महाविनाश की आशंकाओं के बीच धरती के भीतर 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में 3.8 अरब डॉलर की लागत से बनी लार्ज हेड्रान कोलाइडर मशीन द्वारा ब्रह्मांड के रहस्यों का खुलासा करने के लिए प्रोटोन में टकराव करने के साथ ही दुनिया के सबसे बड़े प्रयोग का पहला महत्वपूर्ण परीक्षण संपन्न किया। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति समझने की दिशा में यह बड़ा प्रयास साबित होगा। हालाँकि बाद में परिचालन में कुछ समस्याएँ आने से इस प्रयोग को टालना पड़ा।

नेपाल में 'लाल सलाम' : भारत के पड़ोस में नेपाल में माओवादियों की सरकार बनना हालाँकि विश्व के परिदृश्य में बहुत बड़ी घटना नहीं है, लेकिन नेपाल में लोकतंत्र की बहाली पूरी दुनिया की बड़ी और गौरवपूर्ण घटनाओं में से एक है। वहाँ के नरेश को हटाकर शांतिपूर्ण ढंग से संसदीय चुनाव कराना अपने आप में महत्वपूर्ण घटना रही है, पर भारत के पड़ोस में माओवादियों की बढ़ती ताकत भविष्य में सिरदर्द साबित हो सकती है। 'लाल गलियारे' का स्वप्न सँजो रहे माओवादी इसे परिवर्तन के रूप में देख रहे हैं।

webdunia
WDWD
मुशर्रफ की विदाई : पाकिस्तान में तानाशाही का अंत परवेज मुशर्रफ के सत्ता छोड़ने से हुआ। स्व. बेनजीर भूट्टो के पति आसिफ अली जरदारी मियाँ नवाज शराफ के समर्थन से पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुने गए। हालाँकि नवाज शरीफ ने कुछ ही दिनों बाद अपना समर्थन वापस ले लिया। इस परिवर्तन का असर मोटे तौर पर यह रहा कि भारत में आतंकवादी हमलों में इजाफा हुआ और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के नाम पर जरदारी ने नॉटो और अमेरिका से करोड़ों डॉलर ऐंठ लिए। बांग्लादेश में भी आपातकाल समाप्त हुआ और चुनाव होने की घोषणा की गई।

जल दस्युओं का आतंक : हिंद महासागर और अदन की खाड़ी में सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने भी इस बार काफी आतंक मचाया। 9 महीनों में इन समुद्री दस्युओं ने 200 से अधिक अपहरण की वारदातें कर पूरी दुनिया के जहाजरानी उद्योग को चिंता में डाल रखा है।

webdunia
WDWD
समुद्री रास्ते से व्यापार करने वाले संगठनों का कहना है कि सोमालिया के समुद्रतट से परे इस समय समुद्री लुटेरे अभी भी कई जहाजों को बंधक बनाकर रखे हुए हैं, जिनमें तेल ढोने वाला एक महाकाय टैंकर भी शामिल है। भारतीय जलसेना को इस मामले में कार्रवाई के लिए शाबाशी के साथ-साथ विवाद का भी सामना करना पड़ा है।

कुल मिलाकर उथल-पुथल से भरा रहा साल 2008, जिसके खत्म होने में अभी भी कुछ दिन बाकी हैं। बहरहाल आने वाले साल का स्वागत नई रोशनी और उम्मीदों के साथ होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi