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2008 की एमबीए इंट्रेंस एक्जाम

इंट्रेंस एक्जाम का विश्लेषण

हमें फॉलो करें 2008 की एमबीए इंट्रेंस एक्जाम
पीटी एजुकेश

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वर्तमान युग में एमबीए करने का प्रचलन बढ़ा है। मैनेजमेंट कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री सफलता के लिए पासपोर्ट की तरह मानी जाती है। एमबीए छात्र अपनी बहुमुखी प्रतिभा, रचनात्मकता और विश्लेषण क्षमता के कारण कंपनियों के चहेते होते हैं और कंपनी इन्हें प्राथमिकता देती है।

भारत में मैनेजमेंट कोर्स के लिए कई प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाएँ होती हैं। इनमें कैट, मैट ज़ैट, स्नैप, एटमा, आईबीसेट प्रमुख हैं। ये सभी राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली परीक्षाएँ हैं और इन टेस्ट को क्लियर करने के बाद प्रतिष्ठित ऑटोनोमस कॉलेजों के अलावा निजी संस्था में प्रवेश मिलता है।

इस आलेख में हम साल 2008 में एमबीए के लिए हुई प्रवेश परीक्षा पर नजर डालेंगे।

आईआरएमए- आईआरएमए टेस्ट रूलर मैनेजमेंट कोर्स में प्रवेश हेतु करवाया जाता है। देशभर के कॉलेजों में कुल 95 सीटों के लिए इस परीक्षा में ग्यारह हजार से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया।

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आईआरएम के पिछले साल का पैटर्न इंग्लिश कॉम्प्रेहैंसिव (40 प्रश्न), क्वांटेटिव एबिलिटी (प्रश्न 50), एनालिटिक लॉजिकल रीजनिंग (प्रश्न 50) और इश्यू ऑफ सोशल कंसर्न (40 प्रश्न) पर ही आधारित रहा। कुल मिलाकर पेपर बहुत सधा हुआ था और 85 से 90 प्रतिशत एक्यूरेसी के साथ 110 से 115 प्रश्न हल करने वाले स्टूडेंट्‍स ने अगले राउंड के लिए क्वालिफाई किया।

कैट- देशभर में सात आईआईएम के अलावा 99 अन्य प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश के द्वार खोलने वाले कैट का पेपर इस बार पिछले साल की अपेक्षा थोड़ा कठिन कहा जा सकता है। कहने की जरूरत नहीं कि एमबीए करने वाला प्रत्येक स्टूडेंट कैट के जरिये प्रवेश चाहता है। इस साल देशभर के 23 विभिन्न शहरों में 160 केंद्रों पर कैट परीक्षा ली गई, जिसमें लगभग 2 लाख 75 हजार छात्र-छात्राओं ने अपनी किस्मत आजमाई।

कैट 2008 का पेपर थोड़ा मुश्किल कहा जा सकता है। क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट, वर्बल एबिलिटी और डाटा इंटरपिटिशन ये तीन कैट के मुख्य भाग हैं। इन तीन भागों के अंतर्गत कुल 90 प्रश्न पूछे गए। प्रत्येक प्रश्न के सही जवाब के लिए चार अंक निर्धारित थे, जबकि गलत जवाब होने पर 1 अंक की निगेटिव मार्किंग भी थी।

वर्बल एबिलिटी सेक्शन में 40 प्रश्न पूछे गए, जबकि क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट और डाटा इंटरपिटिशन में 25-25 प्रश्न पूछे गए। पेपर सेट करने में लैंग्वेज स्किल्स पर ज्यादा ध्यान दिया गया।

क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट सेक्शन में पूछे गए प्रश्नों को कठिन कहा जा सकता है। दरअसल इस सेक्शन ने ही पेपर को बैलेंस बनाया। डाटा इंटरपिटिशन और लॉजिकल रीजनिंग में से लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन अपेक्षाकृत आसान रहा।

आईआईएफटी- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा 23 नवंबर को हुई। प्रवेश परीक्षा में सफल छात्र-छात्राएँ नई दिल्ली और कोलकाता स्थित इंस्टिट्यूट में प्रवेश पाते हैं।

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इस साल लगभग 35 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने आईआईएफटी प्रवेश परीक्षा में भाग लिया। पिछले दो सालों से आईआईएफटी की प्रवेश परीक्षा का पैटर्न बदल रहा है। इस साल भी पेपर थोड़े बदलाव के साथ था। इस साल के पेपर में आईआईएफटी के सब-सेक्शन को हटाकर छह अलग सेक्शन बनाए गए। डाटा इंटरपिटिशन और लॉजिकल रीजनिंग को पहले के मुकाबले अधिक महत्व दिया गया, जबकि मैथ्स के प्रश्नों की संख्या कम की गई। सभी सेक्शनों में इस तरह से प्रश्न पूछे गए, जिससे कि पेपर बैलेंस रहे। री‍डिंग कॉम्प्रेहैंसिव और इंग्लिश यूसेज के साथ जनरल नॉलेज के सेक्शन का स्वरूप पिछले साल की तरह ही रहा।

मैनेजमेंट एप्टिट्यूट टेस्ट (मैट)- मैट साल में चार बार आयोजित ‍की जाती है। दिसबंर माह में होने वाली मैट को ज्यादातर बी-स्कूल अधिक मान्यता देते हैं। 7 दिसबंर 2008 को हुए मैट के पेपर में उसी तरह जंबल्ड प्रश्न थे, जैसे कि सितंबर 2008 के पेपर में पूछे गए थे।

मैट दिसंबर 2008 में कुल 200 प्रश्न पूछे गए जिनके लिए 150 मिनट का समय निर्धारित था और प्रत्येक प्रश्न के लिए चार संभावित उत्तर दिए गए थे।

इसमें पाँच सेक्शन थे। री‍डिंग कॉम्प्रेहैंसिव और इंग्लिश यूसेज, क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूट, लॉजिकल रीजनिंग, डाटा इंटरपिटिशन और डाटा सफिशिएंसी और जनरल नॉलेज जैसे प्रत्येक सेक्शन से 40 प्रश्न पूछे गए, जो जंबल्ड प्रारूप में थे। 105 प्लस इस टेस्ट के लिए अच्छा स्कोर माना जा सकता है।

जेएमईटी- ज्वाइंट मैनेजमेंट इंट्रेंस टेस्ट उन आईआईटी स्टूडेंट्स के लिए है, जो मैनेजमेंट कोर्स करना चाहते हैं। यह टेस्ट इंजीनियरिंग और साइंस ग्रेजुएट के लिए नहीं है।

इस साल 14 दिसंबर को आयोजित जेएमईटी में देश के प्रमुख शहरों से हजारों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। पिछले साल की अपेक्षा इस साल के पेपर के पैटर्न में काफी बदलाव देखा गया। पहले जहाँ 150 प्रश्नों के लिए दो घंटे निर्धारित थे, वहीं इस साल 120 प्रश्नों के लिए 3 घंटे का समय दिया गया। पिछले साल की तुलना में इस बार पेपर भी आसान था। पेपर में चार सेक्शन थे और हर सेक्शन के अंतर्गत 30 प्रश्न पूछे गए।

जेएमईटी में स्टूडेंट 84 प्रश्नों को 75-80 प्रतिशत एक्यूरेसी से हल करने पर अगले दौर में आसानी से जगह बना सकते हैं।

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