आज भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। करीब 200 साल ब्रिटिश हुकूमत से संघर्ष करने के बाद भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ। आज़ादी से पहले भारत ने न सिर्फ ब्रिटिश हुकुमत से संघर्ष किया बल्कि कई ऐसी चौनोतियों का सामना किया जिन्हें सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस 77वें स्वतंत्रता दिवस में आज़ादी के बाद के भारत को जानना बहुत ज़रूरी है।
हम आज कहां हैं इसके लिए आपको पीछे मुड़कर देखना ज़रूरी है। आज़ादी के बाद का भारत आज विश्व भर में अपनी कामयाबी का डंका बजा रहा है। विश्व भर में आज भारत का शोर है। इस शोर को आवाज़ देने के लिए भारत के कई ऐसे प्रयास हैं जिसके कारण आज आजाद भारत इतना सक्षम है। यहां बात सिर्फ अर्थव्यवस्था की नहीं है बल्कि भारत के वो हर प्रयास की है जिसने इस देश को कामयाब बनाया है।
भारत का अपना संविधान
किसी भी देश को बनाने के लिए संविधान का होना बहुत ज़रूरी है। साथ ही एक बेहतर परिवर्तन के लिए भारत का अपना संविधान होना भी ज़रूरी था। 26 जनवरी 1950 को हमारा सविधान लागू हुआ। भारत के संविधान ने देश के मौलिक शासकीय दस्तावेज़ के रूप में भारत सरकार अधिनियम 1935 का स्थान ले लिया। आज भी भारत के कानूनों में कुछ संसोधन ज़रूर होते हैं। बदलते और बढ़ते भारत के साथ यह संसोधन करना बहुत ज़रूरी है।
नई शिक्षा नीति 2020
हम आज के भारत की बात करें तो भारत की तरक्की के लिए बेहतर शिक्षा का होना बहुत ज़रूरी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था। यह 34 वर्षों के बाद भारत का सबसे बड़ा शैक्षिक सुधार है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 की जगह ली है। नई शिक्षा नीति, भारत के आज के युवाओं के अनुसार बनाई गई है। आज़ाद भारत में नई शिक्षा नीति एक बहुत बड़ा और ज़रूरी परिवर्तन है।
रेलवे का राष्ट्रीयकरण किया गया
देश के बंटवारे के साथ रेलवे का भी बंटवारा हो गया था। 40% रेलवे नेटवर्क पाकिस्तान में चला गया इसलिए आजादी के बाद भारतीय रेलवे को अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा करने के लिए इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। आज भारत में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा साधन रेलवे ही है। 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन बोरीबंदर बंबई (मुंबई) स्टेशन से ठाणे के बीच चलाई गई थी। आज के आज़ाद भारत में वंदे भारत चल रही है। आज भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
IIT की स्थापना
भारत का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर में स्थापित हुआ था। नेहरू देश के विकास में योगदान देने के लिए ऐसे युवाओं को तैयार करना चाहते थे, जिसमें तकनीक और प्रबंधन की क्षमता हो। इसी सोच ने देश के पहले आईआईटी की स्थापना में मदद की। globalisation के बाद IIT में मल्टीनेशनल कंपनी से प्लेसमेंट आना शुरू हुए। आज शिक्षा के विषय में IIT एक बेहतरीन इंस्टीट्यूट है। इस इंस्टीट्यूट के लिए हर साल लाखों बच्चे JEE की तैयारी करते हैं।
इसरो की स्थापना
आज इसरो अपने चंद्रयान-3 के लिए बहुत चर्चा में है लेकिन इसरो की कामयाबी आप चंद्रयान के ज़रिए नहीं है। वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की। इसरो की वजह से आज भारत अंतरिक्ष की दुनिया में नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। यह विश्व की 6वीं बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई है।