भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल में 10 सितंबर से दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन शुरू हो रहा है। तीन दिन तक चलने वाला यह आयोजन विदेश मंत्रालय और मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस सम्मेलन में हिन्दी के विद्वान हिन्दी की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी अपना संदेश दिया।
श्री शिवराज सिंह चौहान
भारत के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में आपका स्वागत है। विश्व हिन्दी सम्मेलन 32 वर्ष बाद भारत में हो रहा है। इस दसवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी के लिये मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को चुना गया है। यह हमारे लिए हर्ष और गौरव का प्रसंग है।
मध्यप्रदेश तीन विश्व स्मारकों - सांची, भीमबैठका, खजुराहो एवं दो ज्योतिर्लिंग - महाकाल और ओंकारेश्वर की भूमि वाला राज्य है। उज्जैन में अगले वर्ष महाकुंभ सिंहस्थ-2016, का आयोजन भी हो रहा है। हमारा प्रयास है कि आने वाले सिंहस्थ को समकालीन सामाजिक सरोकारों के विचार-विमर्श के महाकुंभ के रूप में स्थापित किया जाए। इस दिशा में गोष्ठियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
महाकवि केशव, पद्माकर, लोककवि ईसुरी, माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्रा कुमारी चौहान से लेकर बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’, भवानी प्रसाद मिश्र, नरेश मेहता, गिरिजा कुमार माथुर, दुष्यन्त कुमार और कवि प्रदीप जैसे कई साहित्यकारों के प्रदेश में आपका आगमन होगा।
विश्व हिन्दी सम्मेलन के सहभागियों का देश की साहित्यिक राजधानी और अध्यात्म की भावभूमि में हार्दिक स्वागत, वंदन और अभिनंदन।