महिला दिवस पर कविता : नारी तुम स्वतंत्र हो

Webdunia
International Womens Day Poem
 
नारी तुम स्वतंत्र हो,
जीवन धन यंत्र हो।
काल के कपाल पर,
लिखा सुख मंत्र हो।
 
सुरभित बनमाल हो,
जीवन की ताल हो।
मधु से सिंचित-सी,
कविता कमाल हो।
 
जीवन की छाया हो,
मोहभरी माया हो।
हर पल जो साथ रहे,
प्रेमसिक्त साया हो।
 
माता का मान हो,
पिता का सम्मान हो।
पति की इज्जत हो,
रिश्तों की शान हो।
 
हर युग में पूजित हो,
पांच दिवस दूषित हो।
जीवन को अंकुर दे,
मां बनकर उर्जित हो।
 
घर की मर्यादा हो,
प्रेमपूर्ण वादा हो।
प्रेम के सान्निध्य में,
खुशी का इरादा हो।
 
रंगभरी होली हो,
फगुनाई टोली हो।
प्रेमरस पगी-सी,
कोयल की बोली हो।
 
मन का अनुबंध हो,
प्रेम का प्रबंध हो।
जीवन को परिभाषित,
करता निबंध हो।

ALSO READ: Essay on Role of Women : नारी जाति का इतिहास और बदलाव, पढ़ें रोचक निबंध

ALSO READ: International Women Day Speech : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कैसे दें हिन्दी में भाषण

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें? Essay on Diwali in Hindi

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

दीपावली पर बनाएं ये 5 खास मिठाइयां

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

सभी देखें

नवीनतम

लाओस, जहां सनातन हिन्दू धर्म मुख्‍य धर्म था, आज भी होती है शिवभक्ति

दिवाली कविता : दीपों से दीप जले

दीपावली पर कविता: दीप जलें उनके मन में

भाई दूज पर हिन्दी निबंध l 5 Line Essay On Bhai Dooj

Healthcare Tips : दीपावली के दौरान अस्थमा मरीज कैसे रखें अपने स्वास्थ्य का ध्यान

अगला लेख
More