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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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बधाई हो बरखा!

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सीमा पांडे

बधाई हो बरखा!
जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर

हँसता चेहरा आत्मविश्वास से भरपूर बोलती आँखें..बरखा दत्त किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। हाल ही में इस वीरांगना को कॉमनवेल्थ ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन और थामसन फाउंडेशन द्वारा स्थापित जर्नलिस्ट ऑफ ईयर पुरस्कार से नवाजा गया है। सबसे खास बात तो यह है कि बरखा का चयन 53 कॉमनवेल्थ देशों के पत्रकारों की प्रविष्टियों में से किया गया है। सुश्री बरखा को यह पुरस्कार मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड में न्याय के लिए अभियान चलाने, जम्मू-कश्मीर में भूकम्प और वड़ोदरा में सांप्रदायिक हिंसा की खोजपूर्ण रिपोर्टिंग के लिए दिया गया है।

बरखा दत्त समाचार चैनल एनडीटीवी की पत्रकार और प्रबंध संपादक हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के समय जिस बहादुरी से रिपोर्टिंग की उससे उन्हें भारतीय क्रिस्टीयाने अमानपॉर कहा जाता है। 18 दिसंबर 1971 को जन्मी बरखा वायुसेना के अधिकारी श्री एस पी दत्ता और श्रीमती प्रभा दत्ता की पुत्री हैं। प्रभा हिंदुस्तान टाइम्स की ब्यूरो चीफ रहीं हैं। बरखा अपनी पत्रकारिता के गुणों का सारा श्रेय अपनी माँ को देती हैं। उनकी माँ का देहावसान 1984 में ही हो गया था जब बरखा मात्र तेरह वर्ष की थीं। पर माँ के आदर्शों को बरखा ने दिल में सँजोकर रखा और उन्हीं के पदचिह्नों पर चलने का प्रण लिया।

बरखा नई दिल्ली के माडर्न स्कूल में पढ़ी हैं और नई दिल्ली के ही सेंट स्टीफन्स कॉलेज से अँग्रेजी साहित्य में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर किया। इसके बाद उन्होंने एनडीटीवी से नाता जोड़ा और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। दो वर्ष पश्चात बरखा ने न्यूयार्क कोलंबिया विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन से स्नातकोत्तर की डिग्री ली।

कारगिल युद्ध के समय बरखा ने जिस तरह से हिम्मत दिखाकर रिपोर्टिंग की उससे वे रातोंरात स्टार बन गई। पर बरखा मानती हैं कि वे उस समय और भी अच्छा काम कर सकती थीं। स्वाभाविक है कि बरखा का यह कथन उनकी विनम्रता दर्शाता है। अभी वे कई विश्लेषणात्मक कार्यक्रमों की एंकरिंग बेहद जीवंतता से कर रही हैं।

सुनामी आपदा के समय उन्होंने सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र नागपट्टनिम जाकर जो कवरेज किया वह भी उनकी बहादुरी की एक मिसाल है। बरखा को जो अवार्ड मिला है वह साबित करता है कि जीवटता और प्रतिभा किसी भी क्षेत्र में आजमाई और दिखाई जा सकती है। बहुत-बहुत बधाई बरखा!


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