TMC की हैट्रिक, असम में BJP की वापसी, केरल में विजयन ने बचाई कुर्सी, तमिलनाडु में सत्ता DMK के हाथ; पुडुचेरी में NDA जीता

Webdunia
रविवार, 2 मई 2021 (22:51 IST)
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देते हुए ममता बनर्जी ने रविवार को अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को सत्ता की हैट्रिक के साथ शानदार जीत दिलाई जबकि असम और केरल में सत्ता विरोधी लहर को मात देते हुए वहां के सत्तारूढ़ दल फिर से सरकार बनाने की ओर अग्रसर हैं। हालांकि तमिलनाडु और पुडुचेरी की सत्ता में काबिज दलों को सत्ता विरोधी लहर का खामियाजा भुगतना पड़ा।

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तमिलनाडु में 1 दशक के बाद ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की सत्ता से विदाई सुनिश्चित कर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में वापसी कर रहा है वहीं पुडुचेरी में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (एआईएनआरसी) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार बनाने जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बंगाल में जीत के लिए बनर्जी, तमिलनाडु में जीत के लिए स्टालिन और माकपा के पिनराई विजयन को बधाई दी। चुनाव तो 4 राज्यों और केंद्र शासित पुडुचेरी में थे लेकिन सबकी नजरें पश्चिम बंगाल पर टिकी थी जहां तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा के लिए संतोष की बात यह रही कि उसका आंकड़ा 3 से बढ़कर 80 के करीब पहुंच गया और वह नंदीग्राम में ममता बनर्जी को शिकस्त देने में सफल रही। वहां मुख्यमंत्री को कांटे के मुकाबले में अपने पूर्व सिपहसालार शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा।

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तृणमूल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में आक्रामक चुनाव प्रचार किया तो भाजपा ने वहां पहली बार सत्ता में आने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के कई दूसरे बड़े चेहरों ने पश्चिम बंगाल में धुआंधार चुनाव प्रचार किया।
 
पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने अपने जनादेश से भारत को बचा लिया। बनर्जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने पार्टी के नेताओं से विजय रैली आयोजित न करने को कहा। करीब 2 महीने बाद खड़े होकर बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह बंगाल के लोगों, लोकतंत्र की जीत है। बंगाल ने आज भारत को बचा लिया है।
 
कई विषमताओं-केंद्र, उसके तंत्र और उसकी एजेंसियों के खिलाफ लड़ते हुए यह जबरदस्त जीत मिली है। इस जीत ने मानवता को बचा लिया है। बनर्जी ने कहा कि मैं अब ठीक हो रही हूं। कुछ दिन पहले मैंने आपको बताया था कि मैं ठीक हो गई हूं और प्लास्टर हटवाऊंगी। कई दशकों तक पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज रहे वाम दलों और कांग्रेस का इस चुनाव में सफाया हो गया।

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पश्चिम बंगाल विधानसभा की 292 सीटों के लिए जारी मतगणना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 131 सीटें जीत चुकी है जबकि 81 सीटों पर वह बढ़त बनाए हुए है। इस लिहाज से तृणमूल कांग्रेस 212 सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है।  भाजपा 37 सीटें जीत चुकी है और 41 सीटों पर उसकी बढ़त कायम है। पिछले विधानसभा चुनाव में महज 3 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा 78 सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है। 
 
बहरहाल, कड़ा मुकाबला होने के अनुमानों को धता बताते हुए, तृणमूल कांग्रेस तेजी से प्रचंड जीत की ओर बढ़ती दिख रही है और अगर मौजूदा रुझान परिणामों में तब्दील होते हैं तो पार्टी बेहद आसानी से लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बनाएगी। कालीघाट में बनर्जी के निवास के बाहर समेत विभिन्न स्थानों पर तृणमूल कार्यकर्ता हरे गुलाल के साथ जीत का जश्न मनाते हुए नजर आए।
 
अब तक जितने मतों की गणना हो गई है, उसके अनुसार तृणमूल कांग्रेस को 48 फीसदी और भाजपा को 38 फीसदी वोट मिले हैं। भाजपा के लोकसभा के 2 सदस्य बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी क्रमश: टॉलीगंज और चुंचुरा सीट से चुनाव हार गए हैं। सुप्रियो लोकसभा में आसनसोल और चटर्जी हुगली सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं।  हालांकि, कूचबिहार से भाजपा सांसद निशिथ प्रमाणिक दिनहाटा से जीत गए हैं।

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भवानीपुर से तृणमूल प्रत्याशी सोहनदेब चट्टोपाध्याय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रुद्रनील घोष को पराजित कर दिया है। यह सीट ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दी थी।  राज्य के मंत्री और बनर्जी के विश्वासपात्र फरहाद हकीम भी अपनी सीट से चुनाव जीत गए हैं। ऐसा जान पड़ता है कि तृणमूल ने मुर्शिदाबाद और माल्दा जिलों में जबर्दस्त पैठ बनाई है, जो पारंपरिक रूप कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाले इलाके समझे जाते रहे हैं।
 
ऐसा भी लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम मेदिनीपुर में तृणमूल ने भाजपा के हाथों गंवाया गया कुछ जनाधार हासिल किया है।  तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि रूझान संकेत करते हैं कि राज्य के लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बार-बार किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है। भाजपा का उपहास करते हुए चटर्जी ने कहा कि वह उन लोगों का चेहरा देखना चाहते हैं, जो इस बार 200 पार का नारा लगाते थे।
 
क्या बोले कैलाश विजयवर्गीय? : भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल मामलों के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि रुझानों के मुताबिक ऐसा लगता है कि लोगों ने ममता बनर्जी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है। असम में भाजपा की अगुवाई वाली राजग एक बार फिर से सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। राजग 126 सीटों में से 74 पर बढ़त बनाए हुए है। इनमें से भाजपा के उम्मीदवार 58 सीटों पर आगे हैं।
 
कांग्रेस की अगुवाई वाला महाजोत असम में सिर्फ 46 सीटों पर बढ़त बना सका हैं। इनमें से कांग्रेस 32 सीटों पर आगे है।  चुनाव नतीजों से खुश असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाला ने कहा कि हम निश्चित रूप ये यह कह सकते हैं कि भाजपा सरकार बनाएगी। हम अपने साथियों असम गण परिषद और यूपीपीएल के साथ एक बार फिर से सत्ता में आ रहे हैं।
 
केरल में पिछले 4 दशकों यह परिपाटी टूटती नजर आ रही है कि हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन होगा। इस बार माकपा की अगुवाई वाला एलडीएफ फिर से सरकार जीत हासिल करता नजर आ रहा है। यह गठबंधन के 2 प्रमुख घटक माकपा और भाकपा कुल 73 सीटों पर आगे हैं। राज्य में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं। 
 
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मैं केरल के लोगों को अप्रत्याशित तरीके से भरोसा जताने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। एलडीएफ की सरकार ने लोगों की चुनौतियों का समाधान निकाला और कोरोना महामारी को भी नियंत्रित किया। महामारी को नियंत्रित कर केरल ने दुनिया के सामने एक नजीर पेश की है। दक्षिण भारत में भाजपा के लिए अच्छी खबर यह है कि वह केरल में एक और तमिलनाडु में 3 विधानसभा सीटों पर आगे है। अब तक इन दोनों राज्यों में भाजपा अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करती रही है।
 
तमिलनाडु में 1 दशक तक सत्ता में रहने के बाद अन्नाद्रमुक हार की तरफ बढ़ती नजर आ रही है। वह 234 सदस्यीय विधानसभा की सिर्फ 80 सीटों पर आगे है। प्रदेश में विपक्षी द्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। द्रविड़ मुनेत्र कषगम 121 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 16 सीटों पर आगे है। 
 
राज्य में यह पहला चुनाव है जिसमें द्रमुक एम. करुणानिधि और अन्नाद्रमुक जयललिता की गैरमौजूदगी में चुनाव लड़ रही हैं। दोनों नेताओं का कुछ साल पहले निधन हो गया। चुनाव आयोग ने विजय जुलूस निकालने और भीड़ जमाकर जश्न बनाने पर रोक लगाई है, लेकिन कई स्थानों पर कुछ पार्टियों के कार्यकर्ता जीत का जश्न मनाते देखे गए। (भाषा)

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