कोरोना महामारी के बीच 5 राज्यों में मतगणना की तैयारियां हुईं पूरी

Webdunia
रविवार, 2 मई 2021 (00:59 IST)
नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने हाल ही में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की रविवार को होने वाली मतगणना के लिए विस्तृत तैयारी की है। साथ ही कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्वास्थ्य नियमों एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से अनुपालन हो।

अदालत ने हाल ही में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मतदान कराए जाने को लेकर निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई थी। ऐसे में कोविड-19 बचाव संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन करने के चलते 822 विधानसभा सीटों के लिए 2,364 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं जबकि 2016 की मतगणना के दौरान इनकी संख्या 1,002 थी।

अधिकारियों ने बताया कि प्रत्‍येक मतगणना केंद्र पर कम से कम 15 बार सैनेटाइज करने का काम किया जाएगा और इस दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का सख्ती से अनुपालन करने के साथ ही भीड़ एकत्र करने पर रोक रहेगी। उन्होंने बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी जो देर रात तक जारी रह सकती है। निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश के मुताबिक प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट या टीके की दोनों खुराक लेने का प्रमाण पत्र दिखाकर ही मतगणना केंद्र के भीतर जा सकेंगे।

अधिकारियों ने कहा, हमने राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से प्रतिनिधियों की सूची कोविड-19 जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र के साथ देने को कहा है। उन्हें सुरक्षा मानकों को पूरा करने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के प्रशासन को आदेश जारी किया गया है कि वे मतगणना केंद्रों के बाहर भीड़ जमा होने से रोकें और इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

अधिकारियों ने बताया कि मतगणना प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट को विषाणु मुक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया, मतगणना प्रक्रिया में शामिल लोगों के लिए केंद्र के बाहर मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर रखे होंगे। प्रत्‍येक केंद्र को मतगणना के दौरान कम से कम 15 बार विषाणु मुक्त किया जाएगा। हमने इसके लिए विशेष व्यवस्था की है।

निर्वाचन आयोग ने मतगणना के लिए मेजों को ऐसे लगाने का फैसला किया है जिससे सामाजिक दूरी का अनुपालन किया जा सके। अधिकारियों ने कहा, एक कक्ष में मतगणना के लिए सात से अधिक मेजें नहीं होंगी जबकि पहले यह संख्या 14 होती थी। अधिक संख्या में मेजें वहां लगाई जाएंगी जहां पर जगह की कमी नहीं हो।

उधर, पश्चिम बंगाल में 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। उन्होंने बताया कि 23 जिलों में फैले मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षाबलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है।

पश्चिम बंगाल विधानभा की 294 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए हैं। इस बीच, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों के लिए रविवार को कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राजनीतिक दलों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है।

केरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।

तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल. मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं।

चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए। इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है।

केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती के लिए 1382 कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे। वहीं असम में 331 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के त्रिस्तरीय इंतजाम किए गए हैं। राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ था।

असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुताबिक, मतगणना प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले करीब 35,000 मतगणना अधिकारी तथा उम्मीदवार के प्रतिनिधियों ने 30 अप्रैल को कोविड-19 जांच कराई है। इसके अलावा, 13 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों एवं चार लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव की भी मतगणना दो मई को होगी। निर्वाचन आयोग ने विजय जुलूस निकालने और रोड शो करने पर रोक लगा दी है।

मतगणना केंद्रों की संख्या 200 प्रतिशत तक बढ़ाई : पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी समेत पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश की कुल 822 विधानसभा सीटों पर पड़े मतों की गणना रविवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी। इस दौरान कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को यह जानकारी दी।

आयोग ने कहा कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी। इस बार कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किए जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 1,113, केरल में 633, असम में 331, तमिलनाडु में 256 और पुडुचेरी में 31 केन्द्र बनाए गए हैं।

मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का एक और कारण पांचों विधानसभा चुनावों में उपयोग किए गए डाक मतपत्रों की संख्या का बढ़ना भी है। आयोग ने कहा, चार राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों), दिव्यांगों और कोरोनावायरस संक्रमण से प्रभावित लोगों को डाक मतपत्रों की सुविधा प्रदान करने के चलते डाक मतपत्रों की संख्या में 400 प्रतिशत (2016 में 2.97 लाख से बढ़कर 2021 में 13.16 लाख) की वृद्धि हुई है।

आयोग ने चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में मतगणना के लिए 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7,000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों को नामित किया है। सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे। मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।

राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने लगभग 1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया है। आयोग ने कहा कि किसी भी अधिकृत प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट स्वीकार्य होगी। देशभर में लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों की मतगणना के दौरान भी इन्हीं नियमों का अनुसरण किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक डिजिटल बैठक के जरिए चारों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ मतगणना व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने आयोग के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड में मतदान का उत्साह, पहले 2 घंटे में 13 फीसदी वोटिंग

विजयपुर उपचुनाव में वोटिंग शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी नजरबंद, कांग्रेस के कई बड़े नेता गिरफ्तार

तेलंगाना में बड़ा रेल हादसा, मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल डीजल के नए दाम जारी, जानें क्या हैं आपके नगर में भाव

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठंड, दिल्ली एनसीआर में कैसा है मौसम

अगला लेख
More