Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

अपनी आखिरी रैली में नरेन्द्र मोदी नहीं बोले- दीदीऽऽ... ओ दीदीऽऽऽ...

हमें फॉलो करें अपनी आखिरी रैली में नरेन्द्र मोदी नहीं बोले- दीदीऽऽ... ओ दीदीऽऽऽ...
, शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021 (23:15 IST)
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों और वसूली सिंडिकेट को संरक्षण देने का आरोप लगाया, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला करने से परहेज किया।
 
अब तक अपनी हर चुनावी रैलियों में मुख्यत: ममता बनर्जी ही प्रधानमंत्री के निशाने पर रही हैं और वह उन पर ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर व्यंग्य करते नजर आए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार, घुसपैठ, तस्करी, हिंसा और अवैध कारोबार को विकास का घोर दुश्मन करार देते हुए यह दावा भी किया कि आज के बंगाल में शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक दिख रही है और इसलिए वह भेदभाव से मुक्त और सद्भाव से युक्त व्यवस्था के लिए मतदान कर रहा है।
 
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोलकाता, बीरभूम, मालदा और मुर्शीदाबाद के मतदाताओं को एक साथ संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह दावा भी किया कि दो मई को राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद कोलकाता को ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ (भविष्य के शहर) के रूप में विकसित किया जाएगा।
 
ज्ञात हो कि देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य में अपनी प्रस्तावित रैलियों को रद्द कर आज राजधानी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपनी आखिरी चुनावी रैली को संबोधित किया।
 
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने भी शेष बचे दो चरणों के चुनाव के मद्देनजर रोड शो, मोटर साइकिल रैली और पदयात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। आयोग ने रैलियों में भी लोगों की सीमा 500 तक निर्धारित कर दी थी।
 
पूर्व की रैलियों की तरह मोदी ने ममता बनर्जी पर कोई सीधा हमला नहीं बोला और अपने भाषण का अधिकांश हिस्सा विकास पर केंद्रित रखा था तृणमूल कांग्रेस सरकार पर घुसपैठ और भ्रष्टाचार सहित कई आरोप मढ़े।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि घुसपैठ, तस्करी, अवैध कारोबार, हिंसा, तोलाबाजी, सिंडिकेट, ये विकास के घोर दुश्मन हैं। भारत में निवेश करने के लिए दुनिया संभावनाएं तलाश कर रही हैं और लगातार रिकॉर्ड निवेश भारत में हो रहा है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल में लगे, यहां हर प्रकार के शिल्प को, हर प्रकार के रोजगार को बल मिले, इसके लिए भाजपा सरकार भरपूर प्रयास करेगी।
 
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही पूरे राज्य में ‘फास्ट ट्रैक’ अदालतें स्थापित की जाएंगी ताकि महिलाओं को जल्दी न्याय मिल सके।
 
अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने राज्य का दौरा रद्द करने के लिए वहां मौजूद जनता से माफी मांगी और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए सभा की तैयारी की थी। लेकिन परिस्थितिवश मेरा बंगाल आना आज संभव नहीं है।
 
मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल आज एक ऐसे शासन के लिए लालायित है, जहां सरकार का हर विभाग, अपना काम करे और अपना दायित्व निभाए। उन्होंने कहा कि शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक बंगाल में देखने को मिल रही है। इसलिए भेदभाव से मुक्त, सद्भाव से युक्त, व्यवस्था के लिए पश्चिम बंगाल वोट दे रहा है।
 
उन्होंने कहा कि कोलकाता की पहचान ‘सिटी ऑफ जॉय’ के रूप में रही है, लेकिन अब आधुनिक अवसंरचना विकास के माध्यम से इसको ‘सिटी ऑफ फ्यूचर’ के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदा, मुर्शीदाबाद से लेकर बीरभूम और कोलकाता तक, हर कोई पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव लौटते देखना चाहता है।
 
उन्होंने कहा कि हर कोई ये चाहता है कि जिस पश्चिम बंगाल में लोग सपने सच करने आते थे, वो पश्चिम बंगाल 21वीं सदी के अवतार के साथ हमें मिल जाए। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की ‘डबल इंजन’ की सरकार, इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
 
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव सिर्फ सत्ता बदलने के लिए नहीं हैं, बल्कि उसे एक आकांक्षी और एक आशावादी राज्य के रूप में विकसित करने का है।
 
उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर, हर जगह बेहतर जीवन, बेहतर शिक्षा, बेहतर रोजगार, बेहतर विकल्प के लिए एक तड़प देख रहा हूं। पश्चिम बंगाल के कोने-कोने में जाकर मैंने अनुभव किया है कि पश्चिम बंगाल के बेहतर भविष्य के लिए एक सकारात्मक बदलाव की इच्छा कितनी प्रबल है। हर उम्र, हर वर्ग, हर मत, हर संप्रदाय के लोगों में शोनार बांग्ला के निर्माण के लिए एक संकल्प दिख रहा है।
 
उन्होंने प्रदेश की जनता से कोविड-19 से बचाव संबंधी सभी उपायों का गंभीरता से पालन करने का अनुरोध किया और कहा कि अस्पतालों पर आज के दिन जो भारी दबाव है उसे अपनी सावधानी से कम करना है।
 
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और चिकित्सीय सलाह पर ही हमें आगे बढ़ना है। एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ना है। टीके के दौरान भी और टीके के बाद भी हमें मास्क से अपने मुंह को ढंक कर रखना है। साथ ही दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र को याद रखना है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अजब एमपी में प्रेमी-प्रेमिका और रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की गजब कहानी!