शहर में गुरुवार से हर घर और हर चौराहे पर प्रथम पूजनीय गजानन महाराज बिराजेंगे। इसी के साथ दस दिनी उत्सव का आगाज हो जाएगा। इसे लेकर बुधवार को लोगों का उत्साह चरम पर दिखाई दिया। बड़ी संख्या में लोग गणेश प्रतिमाएँ घर ले जाते हुए दिखे। मूर्तिकारों और टेंट लगाकर प्रतिमाएँ बेचने वालों के पास गणपति बप्पा के नाना प्रकार के आकर्षक स्वरूप देखने को मिले। शहरभर में एक से बढ़कर एक स्थल सजावट देखने को मिल रही है। इसी से यह पता चलता है कि इस बार भी पूरे दस दिनों तक उत्सवप्रेमी छा जाएँगे। दूसरी ओर ईद का अवसर होने से बाजारों की रंगत दोगुनी नजर आई। मुस्लिम भाइयों में भी गजब का उत्साह देखा गया।
यूँ तो हर बार दस दिवसीय उत्सव में गणेशजी के रूपों को लेकर जमकर प्रयोग किए जाते हैं और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। प्रतिमाएँ खरीदने को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह बच्चों में दिखा। बाजार में 50 से लगाकर 2 हजार रु. से भी ज्यादा कीमत की प्रतिमाएँ उपलब्ध हैं। मुम्बई के लालबाग में स्थापित होने वाले गणेशजी की तर्ज पर यहाँ भी लालबाग के राजा की खूब माँग रही। जवाहर चौक पर गणेश प्रतिमा की दुकान संचालित करने वाले विनोद चौहान ने बताया कि इस बार लालबाग के राजा की जबरदस्त माँग है। बड़ी संख्या में लोग घरों में स्थापना के लिए मुँहमाँगी कीमत पर प्रतिमाएँ ले जा रहे हैं। वहीं बच्चों की टोलियाँ भी गाजे-बाजे के साथ सार्वजनिक रूप से स्थापना के लिए प्रतिमाएँ ले जा रही हैं। बाजार में तरह-तरह के आकार, रूप और कीमत में प्रतिमाएँ हर कहीं उपलब्ध हैं।
विघ्नहर्ता के रूप अनेक
बाजार में लालबाग के राजा के अलावा विघ्नहर्ता के कई रूप देखे जा रहे हैं। इससे बच्चे ही नहीं, बड़े-बुजुर्ग भी बेहद प्रभावित हो रहे हैं। इन प्रतिमाओं में प्रमुख रूप से खजराना गणेश, हनुमान रूपी गणेश, सांॅईबाबा गणेश और गिटार वाले खड़े गणेशजी की भी जमकर माँग है। एक अन्य दुकान संचालक प्रवीण कुमार ने बताया कि बच्चे विशेष रूप से बाल हनुमान, सांॅईबाबा और गिटार लेकर खड़े गणेशजी सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही नहीं, लाल, पीले, गुलाबी, हरे, काले, बैंगनी, नीले, सफेद आदि रंगों वाली प्रतिमाएँ अपना अलग ही आकर्षण बिखेर रही हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा माँग लाल, गुलाबी, काले, हरे व सफेद प्रतिमाओं की है।
'अण्णा हजारे वाले गणेशजी हैं क्या'
भ्रष्टाचार के विरोध में 13वें दिन अनशन तोड़कर संसद व सरकार को हिलाने वाले वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे का नाम बच्चे-बच्चे की जबान पर है। हालाँकि अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस बार गणपति बप्पा सफेद टोपी व धोती-कुरता के साथ अण्णा हजारे के रूप में भी नजर आएँगे। बच्चों को भी इस नए प्रयोग का इंतजार था, लेकिन अण्णा के रूप में गणपति बप्पा बाजार में कहीं नजर नहीं आए। व्यापारी मनोज सिसौदिया ने बताया कि कई बच्चों ने आकर पूछा कि अण्णा हजारे वाले गणेशजी हैं क्या। जब सामने वाले ने ना कहते हुए सिर हिलाया तो बच्चों की टोली मायूस हो गए। संभवतः बड़ों को भी अण्णा वाले गणपति का इंतजार था।
खरीदारों में बच्चे ज्यादा
बुधवार को सुबह से ही बच्चों को बाजार में प्रतिमाओं की खरीददारी में मशगूल देखा गया। बाजार में सजी रंग बिरंगी दुकानों के आसपास ज्यादातर बच्चों का ही ताँता लगा हुआ था। बच्चों द्वारा पसंद की जा रहीं प्रतिमाओं में इनकी माँग सबसे ज्यादा थीं- लालबाग के राजा, खजराना गणेश, बाल हनुमान गणेश, सांॅईबाबा गणेश, कृष्ण रूप में गणेश, भोलेनाथ गणेश, साफा वाले गणेश, गिटार वाले खड़े गणेश, रिद्धि-सिद्धि के साथ गणेश। इसके अलावा बच्चों के बाल गणेशा और गणपति के विभिन्ना स्टीकरों की भी खूब माँग है।