सोशल मीडिया का इस्तेमाल आजकल लोगों में प्यार बांटने के लिए कम और लोगों को बांटने के लिए ज्यादा होने लगा है। कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिये धर्म के नाम पर समाज में जहर घोलने की कोशिश करते हैं। एक ऐसी ही कोशिश में एक तस्वीर इन दिनों फेसबुक और ट्विटर पर आग की तरह फैल रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि एक मदरसे में मौलाना छात्राओं को पढ़ा रहा है कि इस्लाम, हिंदू धर्म से सुपीरियर है।
क्या है इस वायरल तस्वीर में..
इस वायरल तस्वीर में एक क्लास दिख रही है, जिसमें एक मुस्लिम शिक्षक कुछ लड़कियों को पढ़ा रहा है, और ब्लैकबोर्ड पर हिंदू धर्म से जुड़े रीतियों के आगे क्रॉस (X) का निशान दिख रहा है, जबकि इस्लाम धर्म से संबंधित रीतियों के आगे टिक (✓) का निशान है। यह तस्वीर अलग-अलग कैप्शंस के साथ सोशल मीडिया में शेयर की जा रही है, जो कि बहुत ही आपत्तिजनक हैं।
क्या है सच..
हमने जैसे ही इस तस्वीर को गूगल इमेज सर्च के जरिये ढूंढने की कोशिश की, तो हमें जो रिजल्ट मिला, उसे देखकर हम हैरान रह गए। हमें सारी लिंक्स उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे की ही मिलीं, जब हमने एक लिंक पर क्लिक किया, तो हमें ठीक वैसी ही एक तस्वीर दिखी.. वही शिक्षक.. वही लड़कियां.. लेकिन ब्लैकबोर्ड पर संस्कृत के कुछ वाक्य लिखे थे..। जी हां... कुछ असामाजिक तत्वों ने इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर इसे हिंदू विरोधी बनाकर सोशल मीडिया में पेश किया, और लोग बिना जांचे ही इस तस्वीर को धड़ाधड़ शेयर किए जा रहे हैं।
गोरखपुर का दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा दो महीने पहले ही सुर्खियों में आया था। इस मदरसे में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, अरबी के अलावा हिंदी और संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है। संभवत: यह पहली बार हो रहा है कि मदरसे में संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है। इस पहल के लिए गोरखपुर के इस मदरसे की खूब सराहना हुई थी।
आपने देखा.. किस प्रकार छेड़छाड़ कर एक अच्छे काम वाली तस्वीर की सूरत बदलकर इससे धर्मिक दुर्भावना फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए आप सभी से निवेदन है कि बिना जांचे-परखे किसी भी तस्वीर-वीडियो या पोस्ट को आगे फॉरवर्ड न करें।