अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो गया। इस लेटर को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लिखा बताया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि उन्होंने ये लेटर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखा है। इस लेटर में हिन्दू राष्ट्र के हित में फैसला सुनाने के लिए सभी न्यायधीशों को धन्यवाद दिया गया है।
क्या है वायरल लेटर में-
इस वायरल लेटर में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और उनकी पूरी बेंच को हिन्दू राष्ट्र के हित में फैसला सुनाने के लिए बधाई दी गई है। लिखा गया है कि उनके सराहनीय और यादगार निर्णय के लिए हिंदू हमेशा उनके आभारी रहेंगे। उनका यह फैसला हिंदू राष्ट्र के लिए एक नया इतिहास बनाएगा। ऐसे ‘नाजुक समय पर समर्थन’ के लिए उनको धन्यवाद भी दिया गया है।
ये लेटर बांग्लादेश में इतना वायरल हुआ कि कई मीडिया संस्थानों ने इसे हाथोंहाथ ले लिया और पीएम मोदी और रंजन गोगोई को मंदिर बनाने की साजिश में शामिल बता दिया।
क्या है सच-
ढाका स्थित भारतीय हाई कमीशन ने बांग्लादेश के न्यूज मीडिया में फैल रहे एक फेक लेकर के बारे में लोगों को सतर्क करते हुए एक प्रेस रिलीज जारी किया है, जिसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है।
इस प्रेस रिलीज में लिखा है- “बांग्लादेश की लोकल मीडिया में एक लेटर घूम रहा है, जिसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखा बताया जा रहा है। ये लेटर पूरी तरह से फेक है और गलत नीयत से फैलाया जा रहा है। ये बांग्लादेश के लोगों को बरगलाने और लोगों के बीच द्वेष फैलाने के इरादे से शेयर किया जा रहा है। जो लोग पब्लिक डोमेन में भारत के बारे में झूठी बातें जान-बूझ कर फैला रहे हैं, वो गलत है।
वेबदुनिया की पड़ताल से पाया गया है कि अयोध्या फैसले के लिए चीफ जस्टिस गोगोई को धन्यवाद देते पीएम मोदी के नाम से वायरल किया जा रहा लेटर फेक है।