सनातन हिंदू धर्म में यूं तो कई पर्व त्योहार मनाए जाते हैं परंतु यहां प्रस्तुत है प्रमुख 15 त्योहारों के नाम। यहां पर व्रतों के नाम नहीं हैं।
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मकर संक्रांति को हर राज्य में अलग अलग नाम से जाना जाता है। उत्तरायण, पोंगल, लोहड़ी के रूप में भी इसे मनाया जाता है।
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बसंत पंचमी को पर्व माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे प्रेम दिवस भी कहते हैं।
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महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा होती है। इसी दिन शिवजी प्रकट हुए थे।
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नववर्ष नव संवत्सर को गुड़ी पड़वा जिसे उगादि, युगादि, चेती चांद आदि नामों से जाना जाता है।
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रामनवमी का पर्व भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
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होली का पर्व भक्त प्रहलाद की कथा और श्रीकृष्ण की रासलीला से जुड़ा है। इसके बाद धुलेंडी और रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है जो होली से ही जुड़ा हुआ है।
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रक्षाबंधन के पर्व भाई और बहन का प्रमुख त्योहार है। इस दिन बहनों को घर बुलाकर उनसे राखी बंधवाई जाती है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं।
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भाद्रपद की गणेश चतुर्थी से 10 दिवसीय गणेश जन्मोत्सव का प्रारंभ होता है जो अनंत चतुर्दशी तक चलता है।
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दशहरा के दिन जहां माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था वहीं श्री राम ने रावण का वध किया था।
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हनुमान जयंती का महापर्व नरक चतुर्थी और चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
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नवरात्रि का महापर्व माता दुर्गा, पार्वती और दस महाविद्याओं के पराक्रम को समर्पित है। वर्ष में चार नवरात्रियां आती है जिसमें शारदीय नवरात्रि ही मुख्य होती है।
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दीपावली का पर्व पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्थी, रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव और भाई दूज का पर्व रहता है।
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ओणम पर्व दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है। खासकर यह केरल में प्रचलित है। भगवान वामन और राजा बलि की याद में यह पर्व मनाते हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण पर्वों में कुंभ पर्व खास है। इसके अलावा नाग पंचमी, ऋषि पंचमी, छठ, करवा चौथ, वट सावित्री, शीतला सप्तमी, गंगा दशहरा, रथ यात्रा, गौरी हब्बा उत्सव, महेश संक्रांति, हरतालिका तीज, मंडलम, मकरविलक्कू, थाईपुसम, श्राद्ध, ब्रह्मोत्सव आदि है।