लता मंगेशकर रिकार्डिंग के समय नहीं पहनती थीं चप्पल
स्वर कोकिला लता मंगेशकर अपनी मधुर आवाज से 6 दशकों तक संगीत की दुनिया को सुरों से सजाती आई थीं।
social media
बॉलीवुड की शायद ही कोई ऐसी एक्ट्रेस हो जिसको लता ने अपनी आवाज न दी हो। लता ने 20 भाषाओं में 30,000 गाने गाए थे।
लता मंगेशकर का जन्म के वक्त नाम 'हेमा' रखा गया था, लेकिन कुछ साल बाद अपने थिएटर के एक पात्र 'लतिका' के नाम पर, दीनानाथ जी ने उनका नाम 'लता' रखा।
पांच साल की उम्र में ही लता जी ने अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी और थिएटर में एक्टिंग किया करती थी।
लता जी के लिए गाना पूजा के समान था। इसलिए वे रिकार्डिंग के समय या रियाज के समय कभी भी चप्पल नहीं पहनती थी।
'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाना गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है।
शुरुआती सफर में पतली आवाज होने की वजह से लता जी को आलोचना का सामना करना पड़ा था। 1948 में आई फिल्म 'मजबूर' के गाने 'दिल मेरा तोड़ा' से उन्हें पहचान मिली।
एक दौर ऐसा भी आया था जब कुछ गलतफहमियों के कारण लता जी ने महान संगीतकार रहे एसडी बर्मन के साथ गाना गाने से इनकार कर दिया था।
पुरुष गायको में मोहम्मद रखी के साथ लता जी ने सर्वाधिक 440 गीत गाए थे।
लता मंगेशकर को भारतीय संगीत में महत्व पूर्ण योगदान देने के लिए 1969 में 'पद्मभूषण' से सम्मावनित किया गया।
इसके बाद लताजी को 1999 में 'पद्मविभूषण' और 1989 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया।
लता जी को नॉन-क्लासिकल सिंगर कैटिगरी में भारत रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया है।