UP: बड़ी खबर, विवादों से जुड़े स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा
पार्टी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर उठाया यह कदम
Swami Prasad Maurya resigns : अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र दे दिया। मौर्य ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम लिखा गया त्यागपत्र साझा किया है। उन्होंने कहा है कि वे बिना पद के भी पार्टी को मजबूत करने के लिए तत्पर रहेंगे।
सपा के विधान परिषद सदस्य मौर्य ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम अपने तौर तरीके से जारी रखा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'मकड़जाल' में फंसे आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के 'स्वाभिमान' को जागने की कोशिश की। मौर्य ने कहा कि इस पर पार्टी के ही कुछ 'छुटभैए' और कुछ बड़े नेताओं ने उसे उनका बयान कहकर उनके प्रयास की धार को कुंद करने की कोशिश की।
मेरा हौसला तोड़ने की कोशिश की: उन्होंने कहा कि हैरानी तो तब हुई, जब पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं ने चुप रहने के बजाय (बयानों को) मौर्यजी का निजी बयान कहकर कार्यकर्ताओं के हौसले को तोड़ने की कोशिश की। मैं नहीं समझ पाया एक राष्ट्रीय महासचिव मैं हूं जिसका कोई भी बयान निजी बयान हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे भी हैं जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है। यह समझ के परे है।
मौर्य ने पत्र में कहा कि दूसरी हैरानी यह है कि मेरे इस प्रयास से आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों का रुझान समाजवादी पार्टी की तरफ बढ़ा है। बढ़ा हुआ जनाधार पार्टी का और जनाधार बढ़ाने का प्रयास व वक्तव्य पार्टी का न होकर निजी कैसे? यदि राष्ट्रीय महासचिव पद में भी भेदभाव है तो मैं समझता हूं कि ऐसे भेदभावपूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से मैं त्यागपत्र दे रहा हूं, कृपया इसे स्वीकार करें।
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर उन्हें 'विक्षिप्त' कहा गया: उन्होंने कहा कि पद के बिना भी पार्टी को सशक्त बनाने के लिए में तत्पर रहूंगा। आपके द्वारा दिए गए सम्मान, स्नेह व प्यार के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। स्वामी प्रसाद मौर्य श्री रामचरितमानस और सनातन धर्म के साथ-साथ अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं जिसका उनकी पार्टी में ही विरोध हुआ था। प्राण-प्रतिष्ठा के औचित्य पर सवाल उठाने पर विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने हाल में उन्हें 'विक्षिप्त' व्यक्ति कहा था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta