Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

लखनऊ यादव महाकुंभ में शामिल हुए CM मोहन यादव, बोले- मेरे यहां आने से कई लोगों के पेट में दर्द हुआ

हमें फॉलो करें लखनऊ यादव महाकुंभ में शामिल हुए CM मोहन यादव, बोले- मेरे यहां आने से कई लोगों के पेट में दर्द हुआ
लखनऊ , रविवार, 3 मार्च 2024 (18:43 IST)
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) रविवार को उत्तरप्रदेश के लखनऊ में आयोजित 'यादव महाकुंभ' (yadav mahakumbh) में शामिल हुए। सामाजिक समरसता के इस भव्य आयोजन में उत्तरप्रदेश के यादव समाज के प्रबुद्ध नागरिक, कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। डॉ. यादव के मुख्यमंत्री बनने से संपूर्ण देश के यादव समाज में उत्साह का माहौल है। यादव ने मंच से सपा प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बिना निशाना साधा। सीएम यादव ने कहा कि मेरे यहां आने से कई लोगों के पेट में दर्द हो रहा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में यादव समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ने से उत्तरप्रदेश और बिहार की राजनीति में समाज की एकजुटता का असर दिखाई दे रहा है, जो विपक्षी राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बनता दिख रहा है। 
 
साधारण परिवार का बेटा सीएम : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज यादव समाज का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है तो वह भारतीय जनता पार्टी की देन है। मैं किसी दल का प्रचार नहीं कर रहा लेकिन किसी ने नही सोचा था कि एक साधारण परिवार का बेटा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई राह दिखाई है। उन्होंने देश के गौरव के साथ संपूर्ण यादव समाज का गौरव बढ़ाया है। मुझे इस बात का गर्व है कि आपके यहां से निकला हुआ एक किसान परिवार का बेटा जो अभाव और कठिनाइयों में पला, मुझे अपनी पार्टी के लोगों ने उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाकर 8 साल तक राज्य मंत्री का दर्जा दिया।  
 
2010 से 2014 तक मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष कैबिनेट का दर्जा देकर मौका दिया। जैसे ही मैं दूसरी बार विधायक बना तो प्रदेश की उच्च शिक्षा का पूरा प्रभार मुझे दिया गया। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मेरे परिवार से कोई सांसद, मंत्री, विधायक या पहले कोई राजनीतिक क्षेत्र में नहीं रहा है लेकिन मुझे उठाकर के सीधा मुख्यमंत्री की जवाबदारी दी है। मोदी जी कहते ही नहीं है, "सबका साथ, सबका विकास" करके दिखाते हैं।
 
 
फीस सरकार भरेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार में बच्चों को शिक्षा प्राप्ति में कोई बाधा नही होगी। कोई बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, वकील बनना चाहता है उसे 10 लाख या 15 लाख की फीस देना हो तो अगर वह अपनी परीक्षा पास कर लेता है तो सारा पैसा उसे अपनी सरकार देगी। केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं, प्रदेश के बाहर विदेश में भी जाएगा और वहां जिस भी क्षेत्र में जाना चाहे तो सरकार उसकी पूरी फीस भरेगी।
webdunia
लीलाओं के स्थान पर बनेंगे तीर्थ : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा हमारी सरकार बनी तो हमने कुछ निर्णय लिए पहला निर्णय था कि भगवान गोपाल कृष्ण उज्जैन में शिक्षा ग्रहण करने जिस जिस मार्ग से आए जो-जो लीलाएं हुई वह सारे स्थान तीर्थ के रूप में विकसित किए जाएंगे।

चित्रकूट वह धाम है जहां भगवान कृष्ण के पहले भगवान राम ने चित्रकूट में 11 साल का समय गुजारा उसे भी हम अलौकिक चित्रकूटधाम के रूप में विकसत करेंगे। औरछा का भी हम धाम के रूप में विकास करेंगे। राम मर्यादा में रहे और कृष्ण ने मर्यादा में रखना सिखाया। 
उन्होंने कहा कि भगवान राम का पूरा का पूरा जीवन मर्यादा के अंदर रहने का है। और भगवान श्री कृष्ण ने मर्यादा तोड़ी तो मर्यादा सीखाने का काम भी अगर किसी ने किया है तो वह गोपाल कृष्ण भगवान है। जिन्होंने अच्छे अच्छों को ठिकाने लगा दिया। जिनके रोम-रोम में धर्म समाया हुआ है। जो धर्म के अनुसार चलने के लिए मर्यादा में लोगों को रखना जानते हैं। बड़ी से बड़ी चुनौतियां, ताकते, बड़ी से बड़ी सत्ताएं जिनके आगे बौनी लगती हैं। हम उस वंश से हैं। हम अगर जय गोपाल कृष्ण बोलते तो ऐसे ही नहीं बोलते। इसके पीछे प्रकृति प्रेम भी दिखता है।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा उत्तर प्रदेश धर्म भूमि भगवान राम, बाबा विश्वनाथ, हमारे आराध्य गोपाल कृष्ण की भूमि है। दुनिया यहां की सनातन संस्कृति के प्रति सिर झुकाती है। भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा-दीक्षा बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हुई। कृष्ण जी ने अपनी पूरी शिक्षा का सार कर्म और श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से दिया जो आज दुनिया का मार्गदर्शन कर रही है।  
 
भगवान श्रीकृष्ण ने अव्यवस्था और अधर्म के विरुद्ध, धर्म की स्थापना के लिए संघर्ष किया। यह हमारा सौभाग्य है कि हम सभी भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं। अगर किसी ने अधर्म के खिलाफ संघर्ष करने का माध्यम उठाया तो वह केवल भगवान श्री कृष्ण हैं। जिन्होंने जीवन को आगे लगा करके, खड़े होकर धर्म की स्थापना के लिए सबसे पहला कदम बढ़ाया। 
 
भगवान कृष्ण ने पूरी शिक्षा का सार गीता के माध्यम से दिया। भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ। हर चुनौतियों का सामना करते हुए वह किसी से डरे नहीं और लोगों को धर्म की राह दिखाई। यह समय लोकतंत्र का है। हमें अपने प्रदेश और देश के हित में निर्णय लेते हुए आगे बढ़ना है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

BJP की सूची जारी होने के बाद मिशन मोड में PM मोदी, 10 दिनों में 12 राज्यों का दौरा और 29 कार्यक्रम