लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन जनपदों में लॉकडाउन व्यवस्था को पूरी तरह जारी रखने के निर्देश दिए हैं, जहां कोरोना संक्रमण के 10 या उससे अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बंद के नियमों तथा सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन आवश्यक है। मुख्यमंत्री सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में बंद व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि कोटा (राजस्थान) से प्रदेश लौटे सभी बच्चों को घरों में पृथक रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन बच्चों द्वारा 'आरोग्य सेतु' ऐप डाउनलोड करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में सुरक्षा चक्र न टूटने पाए, इसके लिए पूरी सतर्कता बरतना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस बल तथा पूरी मेडिकल टीम को हर हाल में संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलिसकर्मी सुरक्षा उपकरण लगाकर ही ड्यूटी पर जाएं। मास्क, दस्ताने तथा शील्ड का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें। कोविड-19 के रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों तथा अन्य चिकित्साकर्मियों को प्रत्येक दशा में संक्रमण से बचाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 के नमूनों की जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां जांच प्रयोगशाला स्थापित की जाए। राजकीय मेडिकल कॉलेजविहीन मंडल मुख्यालय के जिला चिकित्सालय में जांच लैब स्थापित की जाए। चिकित्साकर्मियों के कोविड-19 नियंत्रण प्रशिक्षण एवं अस्पतालों में संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय करते हुए आपात सेवाओं का संचालन प्रारंभ किया जाए।
उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से आम जनता को भी उपचार की प्राथमिक विधि के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाए। योगी ने कहा कि घर-घर डिलीवरी में लगे लोगों की भी जांच की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह लोग मास्क आदि लगाकर सामग्री की आपूर्ति करें। बाहर से आने वालों को हर हाल में पृथक किया जाए। अधिक से अधिक लोगों को ट्रैक करते हुए जांच की जाए। कोरोना संदिग्ध लोगों की अनिवार्य रूप से जांच कराई जाए। कई नमूनों की एकसाथ जांच (पूल टेस्टिंग) को प्रोत्साहित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही उद्योगों को संचालित किए जाने की सशर्त अनुमति दी गई है लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। सामाजिक दूरी के मानकों का अनुपालन हर हाल में हो। कार्ययोजना बनाकर एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव (ग्राम्य विकास) को निर्देशित किया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि सभी नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहकर लोगों की समस्याओं को सुनें तथा उनका समाधान कराएं। (भाषा)