लखनऊ। हाथरस मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पुलिस ने जिले के चंदपा थाने में जाति आधारित संघर्ष की साजिश, सरकार की छवि बिगाड़ने के प्रयास और माहौल बिगाड़ने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदेशभर में इस संबंध में कुल 21 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 50 लाख का प्रलोभन देकर पीड़ित परिवार से झूठ बोलने का मामला भी दर्ज किया गया है। दंगे भड़काने का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है।
13 मामले दर्ज : अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक हाथरस प्रकरण में हाथरस जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 6 मुकदमों के अलावा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, हाथरस, अयोध्या, लखनऊ आयुक्तालय में कुल 13 मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस की ओर से चंदपा थाने में रविवार की शाम को प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिसमें देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने (राजद्रोह) से लेकर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे कई गंभीर आरोपों की धारा शामिल है।
4 संदिग्ध गिरफ्तार : दिल्ली से हाथरस जा रहे एक संगठन से जुड़े 4 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे 4 संदिग्धों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का आरोप है कि ये लोग हाथरस के बहाने उत्तरप्रदेश को जलाने की साजिश में शामिल हैं।
कुमार ने बताया कि सोमवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति दिल्ली से हाथरस की तरफ जा रहे हैं। इस पर टोल प्लाजा मांट के पास संदिग्ध वाहनों की चेकिंग की गई। स्विफ़्ट डिजायर गाड़ी में सवार 4 युवकों को रोककर पूछताछ की गई तो उनका संबंध पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआई) से होने की जानकारी मिली।
मुख्यमंत्री के सख्त तेवर : इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा है कि न केवल देश और प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने की साजिश रची जा रही है बल्कि इसकी नींव रखने के लिए विदेश से फंडिंग भी हो रही है।
राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले : चंदपा थाने में ही रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी सरकारी कार्य में व्यवधान और निषेधाज्ञा के उल्लंघन जैसे आरोपों में अलग-अलग मुकदमा दर्ज कराया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को चंदपा थाने में दर्ज मुकदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोस्टरों, सोशल मीडिया पोस्ट से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ऑडियो हुआ वायरल : प्रशांत कुमार ने कहा कि पहला मुकदमा वायरल ऑडियो से माहौल बिगाड़ने के प्रयास में चंदपा थाने में हुआ। एक साजिश के तहत यूपी का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है। हम सूबतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं। कई एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि एक पुलिस उपनिरीक्षक की तहरीर पर हाथरस के चंदपा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (अपराध के लिए उकसाने), 124 ए (देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने की कोशिश- राजद्रोह) 120 बी (षड्यंत्र), 153-ए (धर्म, भाषा और जाति के आधार पर विद्वेष फैलाना), 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बयान), 195 (झूठे साक्षय गढ़ना), 465 (कूटरचना), 468 (कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग), 501 (मानहानिकारक मुद्रण), 505 (भय का माहौल बनाने वाला बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 की धारा 67 समेत कुल 20 धाराओं में रविवार को मुकदमा दर्ज किया गया है।
उपनिरीक्षक ने अपनी तहरीर में लिखा है कि हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व बेजा लाभ लेने के लिए एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत पूरे प्रदेश का अमन-चैन बिगाड़ने और जाति-विद्वेष भड़काकर प्रदेश में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति
घृणा और अवमानना के लिए पीड़ित परिवार को भड़का रहे हैं।
झूठ बोलने के लिए 50 लाख का प्रलोभन : उपनिरीक्षक की तहरीर में लिखा है कि पीड़ित परिवार को गलतबयानी के लिए दबाव डालकर उन्हें 50 लाख रुपयों का प्रलोभन देकर झूठ बोलने के लिए उकसा रहे हैं। पूर्व में दिए गए बयानों को बदलवाने का प्रयास कर हाथरस और प्रदेश की शांति को प्रभावित किया गया है।
तहरीर में यह भी लिखा है कि अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कथित अज्ञात पत्रकार ने पीड़िता के भाई को यह कहलवाने का प्रयास किया कि वह स्वयं अपने माता-पिता से मीडिया से यह बोलने के लिए कहे कि वे प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा यह भी कहलवाने का प्रयास किया कि मृतका ने उनसे सामूहिक बलात्कार की बात कही थी जबकि पीड़ित परिवार की ओर से दी गई पहली तहरीर में पीड़ित युवती और उसके
परिवारवालों ने सिर्फ मारपीट की बात कही थी।
पुलिस उपनिरीक्षक ने यह भी लिखा है कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला तथा मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। तहरीर के मुताबिक परिवार को प्रलोभन देकर बरगलाने से परिवार ने बाद में दुष्कर्म की बात कही। इसी कुत्सित योजना के तहत एक अज्ञात नेता ने जिसकी ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, ने पीड़िता के रिश्तेदार महिला से परिवार पर दबाव डाला कि वे लोग सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक फर्जी बयान भी प्रसारित किया गया है। यह जातीय विद्वेष फैलाने की साजिश है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे।
रविवार को हुआ था लाठीचार्ज : रविवार को राष्ट्रीय लोकदल ने उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया था। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि एक राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में 5 लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति दी गई थी लेकिन कुछ देर बाद ही काफी संख्या में लोग उससे मिलने पहुंच गए। निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर अवरोधकों को क्षतिग्रस्त किया। इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। चंदपा थाने में ही एक राजनीतिक दल के
कार्यकर्ताओं पर पुलिस के साथ मारपीट और बदतमीजी करने, रोड जाम करने समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। (इनपुट भाषा)