बुलडोजर पर भिड़े CM योगी और अखिलेश, किसने क्या कहा?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 4 सितम्बर 2024 (16:03 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ मोड़ने का बयान देने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए 'दिल और दिमाग' की जरूरत होती है।
 
यादव ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं बल्कि स्टीयरिंग होता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।
 
बुलडोजर चलाने के लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए : मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त 1334 अवर अभियंताओं, संगणकों तथा फोरमैन कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने सम्बोधन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उनके बयान के लिये आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि बुलडोजर पर हर व्यक्ति के हाथ नहीं फिट हो सकते। इसके लिये दिल और दिमाग दोनों चाहिये। बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा जिसमें हो, वो ही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।
 
अखिलेश का पलटवार : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, 'जहां तक दिल और दिमाग की बात है तो बुलडोजर में दिमाग नहीं होता...स्टीयरिंग होता है। बुलडोजर तो स्टीयरिंग से चलता है। उत्तर प्रदेश की जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दे या दिल्ली वाले (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) कब किसका स्टीयरिंग बदल दे, कुछ पता नहीं।'
 
सपा प्रमुख ने कहा कि जिनके लिए बुलडोजर बल और नाइंसाफी का प्रतीक है, मैं उन्हीं को बुलडोजर की मुबारकबाद देना चाहता हूं।
 
यादव ने मंगलवार को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा था कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा का सफाया होगा और राज्य में समाजवादी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रूख गोरखपुर (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि) की तरफ होगा।
 
यादव ने आज बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रुख का जिक्र करते हुए कहा कि आपको जानबूझकर जिनसे बदला लेना था, नीचा दिखाना था वहां अपनी सरकार की ताकत पर आपने जानबूझकर बुलडोजर चलाया। इसका परिणाम यह हुआ कि उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक यह कहा जा सकता है कि बुलडोजर संवैधानिक नहीं है, असंवैधानिक चीज है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अब बुलडोजर नहीं चल सकता तो क्या अभी तक जो बुलडोजर चल रहा था उसके लिए सरकार माफी मांगेगी?
 
भेड़िये अखिलेश और शिवपाल की तुलना : आदित्यनाथ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव की 'भेड़िये' से तुलना की। उन्होंने कहा कि पहले नौजवानों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिलता था। दरअसल नियत साफ नहीं थी। चाचा और भतीजा के बीच वसूली को लेकर होड़ लगती थी। एरिया बंटे हुए थे। मैं देख रहा हूं न इस समय कुछ आदमखोर भेड़िये अलग—अलग जनपदों में उत्पात मचा रहे हैं। कमोबेश यही स्थित वर्ष 2017 से पहले प्रदेश की थी। ये लोग उस समय कितनी तबाही मचाये हुए थे। इनके भी वसूली के एरिया बंटे हुए थे। वहां महाभारत के सारे रिश्ते थे। महाभारत का दूसरा दृश्य वहां देखने को मिलता था।
 
गौरतलब है कि कई राज्यों में प्रशासन द्वारा आपराधिक मामलों में संदिग्ध लोगों के घरों को बुलडोजर से ढहाए जाने के बीच उच्चतम न्यायालय ने पिछली दो सितंबर को सवाल उठाया कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ढहाया जा सकता है क्योंकि वह आरोपी है। न्यायालय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश तैयार करेगा, जो पूरे देश में लागू होंगे।
Edited by : Nrapendra Gupta 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CJI चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर SC जजों ने जताई आपत्ति, जानिए क्या कहा

सावधान! नए रैपर में एक्सपायरी दवाएं तो नही खा रहे आप

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं

INDIA की 7 गारंटी, 10 लाख नौकरियां, 450 रुपए में गैस सिलेंडर

रायबरेली में राहुल गांधी, कहा- जब भी यहां आता हूं, रिश्ता और गहरा हो जाता है

सभी देखें

नवीनतम

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग से प्रोफेशनल डिग्री पा सकते हैं छात्र

सैनिकों के पीछे हटने के बाद अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता

2024 US Elections: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, किसका पलड़ा भारी

डबल इंजन की सरकारें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश को तेजी से लेकर जा रही विकास की राह पर: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मजबूत हुई अयोध्या की अर्थव्यवस्था

अगला लेख
More