कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुए बिकरू कांड की गूंज प्रदेश के साथ देशभर में गूंज रही थी और विकास दुबे का नाम हर जुबान पर था। लेकिन इतना बड़ा घटनाक्रम क्यों हुआ और किसके पीछे हुआ, इसका सिर्फ तरह-तरह का लोग अंदाजा लगा रहे थे। लेकिन चित्रकूट से बाबा के भेष में अपराधी बाल गोविंद की गिरफ्तारी के बाद और उसके कबूलनामे के बाद सच सामने आ गया है और घटना क्यों और किन कारणों से हुई? इसका भी पता चल गया है।
किसके पीछे घटी इतनी बड़ी घटना? : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चित्रकूट से पकड़े गए बाबा के भेष में बाल गोविंद ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि बिकरू कांड का असली कारण वही था और उसके पीछे इतना बड़ा कांड हो गया जिसमें कई पुलिस वालों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
बाल गोविंद ने पुलिस को बताया कि उसके दामाद और राहुल तिवारी के बीच जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। झगड़े की पूरी जानकारी बाल गोविंद ने जब विकास दुबे को दी तो वह भी बाल गोविंद की मदद के लिए शामिल हो गया और फिर राहुल तिवारी का अपहरण करने से लेकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। बाल गोविंद ने बताया कि राहुल यही नहीं माना और उसने विकास दुबे समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर लिखवाई। इसी मामले में पुलिस विकास दुबे के यहां छापेमारी करने गई थी।
पुलिस पूछताछ में बाल गोविंद ने बताया कि उसकी बेटी समीक्षा उर्फ तनु की शादी मोहिनी नवादा निवासी विनीत से हुई है। राहुल तिवारी और विनीत सगे बहनोई हैं। दोनों के बीच जमीन को लेकर झगड़ा चल रहा था। जमीन विनीत के पिता और राहुल के ससुर की है और बाल गोविंद, विकास दुबे के साथ मिलकर जमीन विनीत के नाम करवाना चाह रहा था और विनीत का कब्जा बना रहे इसके लिए बाल गोविंद ने बताया कि बेटे शिवम ने खेत जोत भी दिए थे। लेकिन राहुल लगातार जमीन पर अपना हक जता रहा था।
बाल गोविंद के घर पर पीटा गया था राहुल को : पूछताछ में बाल गोविंद ने बताया कि जमीन विवाद को बढ़ता देख उसने विकास दुबे से मदद मांगी थी और फिर विकास दुबे ने पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी से बात की तो एसओ ने समझौता कराने की जिम्मेदारी उठाई थी। 2 जुलाई की सुबह ही पूर्व एसओ व राहुल तिवारी को बिकरू मेरे घर लेकर आए थे, जहां पर पहले से ही विकास दुबे, हीरू दुबे, शिवम दुबे, अमर, प्रभात आदि मौजूद थे। समझौते पर बात होनी थी, मगर इन सभी लोगों ने मिलकर राहुल को पीट दिया जिसके बाद राहुल ने चौबेपुर थाने में बंधक बनाने और जान से मारने के प्रयास की धाराओं में तहरीर दी। इस पर रात में मुकदमा कायम हुआ और देर रात पुलिस बिकरू में दबिश देने पहुंच गई और इस दौरान पुलिस और विकास दुबे के बीच मुठभेड़ हो गई थी।
गौरतलब है कि 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि पुलिस व अपराधी विकास दुबे के बीच मुठभेड़ हो गई थी जिसमें तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित अन्य कई पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे व कई घायल हुए थे।