नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें सड़क पर वाहनों के बीच एक सांड दिखाई दे रहा है। इस सांड के कारण ट्रैफिक पर भी असर पड़ता है।
अखिलेश ने अपने ट्वीट के साथ 2 पंक्तियां भी लिखी हैं- सफ़र में साँड़ तो मिलेंगे… जो चल सको तो चलो… बड़ा कठिन है यूपी में सफ़र जो चल सको तो चलो! ये पंक्तियां निदा फाजली की रचना सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो...से प्रेरित हैं।
उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनाव में सांड समेत अन्य आवारा पशु चुनावी मुद्दा बने थे। स्वयं अखिलेश यादव की पार्टी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, लेकिन चुनाव में सफलता नहीं मिली।
<
सफ़र में साँड़ तो मिलेंगे… जो चल सको तो चलो…
बड़ा कठिन है यूपी में सफ़र जो चल सको तो चलो! pic.twitter.com/ZunRV6qlPa
अखिलेश के ट्वीट के जवाब में सर्व समाज नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- माननीय अखिलेश यादव जी मेरी आपसे यही हाथ जोड़कर अपील है अब रोड पर उतरने का आदेश दीजिए। जिस तरीके से सपा कार्यकर्ताओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है इसके लिए आवाज उठानी पड़ेगी रोड पर उतरकर।
एक अन्य ट्वीट में सुधारकर पांडेय ने लिखा- यूपी में सफर बहुत बढ़िया है अखिलेश जी। लोकतांत्रिक सरकार है न कि वंशवादी। जनमानस में बढ़ती जागरूकता का आकलन करें तो लोग वंशवादी पार्टियां नहीं चाहते हैं। आगामी दशक तक वंशवादी दलों को नकार दिया जाएगा। वंशवादी पार्टियां जातिवाद के कारण जिंदा हैं। जागरूक वोटर जाति नहीं देखता है।