उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव द्वारा कांग्रेस पार्टी से किये गए गठबंधन से सपा के पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वे कहीं भी चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता मुलायम ने इस गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'मैं इस समझौते के खिलाफ हूं और इस गठबंधन के लिए कहीं चुनाव प्रचार करने नहीं जाऊंगा।' उन्होंने साथ ही कहा, 'सपा अकेले ही चुनाव जीतने में सक्षम थी और कांग्रेस से गठंबधन करने की जरूरत ही नहीं थी। हमारे जो नेता, जिनके टिकट कांटे हैं, वह अब क्या करेंगे? 5 साल के लिए तो मौका गंवा दिया।'
अखिलेश यादव के सपा प्रमुख बनने के बाद मुलायम सिंह पार्टी के किसी भी हालिया कार्यक्रम में नहीं देखे गए। इतना ही नहीं पार्टी के घोषणापत्र के दौरान भी मुलायम नदारथ थे।
मुलायम सिंह शुरू से ही कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन करने के खिलाफ थे। सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' की लड़ाई में चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद मुलायम ने अपने 38 उम्मीदवारों की सूची बेटे को सौंपी थी, लेकिन अलग से उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था।
इससे पहले रविवार को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके बाद दोनों नेताओं ने रोडशो भी किया। यह रोडशो जब पुराने लखनऊ में जनसभा में तब्दील हुआ, तो उत्साह से लबरेज दोनों नेताओं ने भाजपा और बसपा को सत्ता में आने से रोकने तथा विकास की राजनीति करने का संकल्प दोहराया। ऐतिहासिक घंटाघर के सामने तंग सड़कों पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि राहुल और अखिलेश भाषण के लिए बनाए गए मंच तक पहुंच ही नहीं पाए। जिस वाहन से वे रोडशो कर रहे थे, वहीं से उन्होंने जनता को संबोधित किया।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह चंद अमीर घरानों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमीरों के काले धन को मोदी सरकार ने नोटबंदी के जरिये सफेद किया और गरीब जनता की कमर तोड़ दी। अखिलेश ने किसान, गरीब और नौजवानों के लिए काम जारी रखने की बात दोहराते हुए कहा कि वह विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।
इससे पहले साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को देश में गुस्से की और विभाजनकारी राजनीति करने वालों को दिया गया 'उत्तर' ठहराया।
राहुल ने कहा, 'उत्तर प्रदेश का पहला शब्द है उत्तर...हमारा गठबंधन उन लोगों को हमारा उत्तर है, जो गुस्से और विभाजन की राजनीति करते हैं। यह सपा, कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की जनता का उन ताकतों को जवाब है। यूपी के डीएनए में गुस्सा नहीं है, उसमें भाईचारा, प्यार और प्रगति है।' मुख्यमंत्री अखिलेश ने इस गठबंधन को जनता का गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह प्रदेश को विकास के रास्ते पर और आगे ले जाएगा।
राहुल ने कहा कि वह नए तरह की राजनीति करना चाहते हैं और युवाओं को विकल्प देना चाहते हैं। सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन 'अवसरवादी गठबंधन' नहीं, बल्कि दिल का गठबंधन है। चुनाव प्रचार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शामिल किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, 'दोनों का आशीर्वाद बना रहे, तो भी जीत मिल जाएगी।'