वाराणसी। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कैडर भाजपा के लिए शांतिपूर्वक काम कर रहे हैं तो वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए गैर राजनीतिक स्वयंसेवक ‘फिर से अखिलेश’ के संदेश का प्रसार करने में जुट गए हैं।
युवतियों सहित हजारों स्वयंसेवक गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे विशेष रूप से डिजाइन की गई टीशर्ट पहने हुए हैं जिन पर स्लोगन लिखा है, ‘फिर से अखिलेश’ और ‘यूपी को ये साथ पसंद है।
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के एक सदस्य ने बताया कि स्वयंसेवकों को एकत्र करने की कवायद 14 फरवरी से शुरू हो गई थी जबकि 1 मार्च से ‘चलो काशी’ ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया। स्वयंसेवकों ने ऑनलाइन ही प्रचार अभियान से जुडने पर सहमति दी।
हर व्यक्ति को 1 फॉर्म दिया गया जिस पर उसे अपना नाम, नंबर, पसंद की विधानसभा भरनी थी। उसी के आधार पर उन्हें प्रचार का काम सौंपा गया जिसमें नुक्कड़ नाटक करने से लेकर घर-घर जाकर जनसंपर्क करना शामिल है।
टीम ने आईआईटी-बीएचयू और अन्य स्थानीय संस्थानों के युवाओं को इकट्ठा किया। अधिकांश स्वयंसेवक शिक्षित पेशेवर या छात्र हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने 3 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट दिया था लेकिन अब उनके प्रदर्शन से निराश हैं। कई ऐसे भी हैं, जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास के ‘विजन’ से प्रभावित हैं।
प्रयास ये भी है कि युवा वोटर चुनाव प्रचार का अनुभव ले सकें। इस समय देशभर से 5 हजार स्वयंसेवक डिजिटल प्रारूप में या जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान में जुटे हैं। (भाषा)