नई दिल्ली। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के बढ़कर 10 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताते हुए आम बजट में कहा कि वर्ष 2019-20 में जीडीपी में आई गिरावट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में फिर से यह तीव्र वृद्धि के पथ पर अग्रसर होने के लिए तैयार है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतामरण ने शनिवार को संसद में वर्ष 2020-21के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि वैश्विक स्थितियां प्रतिकूल रहने और घरेलू स्तर पर चुनौतियों के कारण वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर में अस्थायी गिरावट के बावजूद अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत हैं और वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से जीडीपी में फिर से तीव्र वृद्धि होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश की जरूरतों से कोई भी समझौता किए बगैर ही राजकोषीय मजबूती के पटरी लौटने के मार्ग प्रशस्त किए गए हैं। सरकार ने अल्पकालिक अवधि में राजकोषीय रोडमैप को संशोधित किया है और राजकोषीय घाटे को वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान में जीडीपी के 3.8 प्रतिशत और वर्ष 2020-21 में 3.5 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य तय किया है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा तय की गई लक्षित सीमा में ही बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कर सुधार लागू किए हैं।
विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और जीवन स्तर बेहतर करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कुल व्यय को वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में 30.42 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर रखा गया है जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान में यह आंकड़ा 26.98 लाख करोड़ रुपए था।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में वैश्विक विश्वास बढ़ा है, जो एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में वृद्धि से प्रतीत होता है। दिसंबर 2019 में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 457.5 अरब डॉलर के रिकार्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।