Budget 2020 : शिक्षा ऋण को प्राथमिकता में शामिल करने की अपील

Webdunia
गुरुवार, 30 जनवरी 2020 (16:37 IST)
नई दिल्ली। सरकार से बजट में शिक्षा क्षेत्र में सुधारों पर जोर देने के साथ ही इस क्षेत्र को दिए जाने वाले ऋण के लिए प्राथमिकता की श्रेणी में रखे जाने की अपील की गई है।
ALSO READ: Budget 2020 : बजट से पहले अच्छी खबर, अर्थव्यवस्था ठीक स्थिति में
वर्ष 2019-20 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 94,853.64 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो इससे पिछले वर्ष में आवंटित राशि से लगभग 10,000 करोड़ रुपए अधिक था। स्कूल सेक्टर को 56,536.63 करोड़ रुपए और 38,317.01 करोड़ रुपए उच्च शिक्षा के लिए आवंटित किए गए थे।
 
शिक्षा क्षेत्र के बजट को लेकर 'इम्परसंड ग्रुप' के अध्यक्ष और शिक्षाविद रुस्तम केरावाला ने कहा कि केंद्रीय बजट के माध्यम से वित्तमंत्री 2020 में 2 प्रमुख संशोधनों पर विचार कर सकती हैं। स्कूली शिक्षा के लिए वर्तमान में विभिन्न सामग्रियों और सेवाओं की खरीद पर जीएसटी को बोझ अभिभावकों पर आता है। इस जीएसटी को समाप्त किए जाने से छात्र के लिए शिक्षा की कुल लागत पर बोझ कम हो जाएगा।
ALSO READ: Budget 2020 : आपकी PF पेंशन योजना पर क्या होगा बजट का असर
उन्होंने कहा कि 'शिक्षा और संबंधित सेवाओं' को ऋण की प्राथमिकता श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया जाना चाहिए। वर्तमान में शिक्षा ऋण पर ब्याज कार ऋण से अधिक है। ऐसे में यह परिवर्तन कम ब्याज दरों, लंबी अवधि तक ऋण और अन्य लाभों के साथ कृषि, एमएसएमई और अन्य के अनुरूप भारत में शिक्षा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक पहुंच को सक्षम करेगा।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के साथ शिक्षा के लिए बजट आवंटन को प्राथमिकता दी है। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में वित्तमंत्री ने शिक्षा के लिए खर्च में 10 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी, हालांकि अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम 15-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
 
शिक्षा क्षेत्र की प्रगतिशील वृद्धि के मद्देनजर सरकार के लिए आगामी केंद्रीय बजट में यह राशि बढ़ाने की जरूरत है, ऐसा इसलिए ताकि शिक्षा के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आबादी के लिहाज से आबादी की जरूरतों में यह कम न पड़े।
 
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार मंच फैक्ट शीट 2020 के अनुसार भारत में लगभग 6 करोड़ बच्चों की शिक्षा तक पहुंच नहीं है। भारत में शिक्षा का क्षेत्र दुनिया में सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है जिसमें प्रत्येक वर्ष 26 करोड़ से अधिक नामांकन होते हैं। कौशल विकास की पहल शुरू करने के लिए राज्यों को 1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना के साथ शिक्षा का क्षेत्र रणनीतिक विकास के प्राथमिकता में शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि अधिकार मंच फैक्ट शीट रिपोर्ट ने शिक्षा क्षेत्र में खर्च में गिरावट को सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक के रूप में इंगित किया है इसलिए आगामी बजट में ऋण प्राथमिकता वाले क्षेत्र की परिभाषा के तहत 'शिक्षा और संबंधित सेवाओं' को वर्गीकृत करना आवश्यक है। यह परिवर्तन कम ब्याज दरों, ऋणों के लंबे कार्यकाल और अन्य लाभों के साथ भारत में कृषि, एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र की वृद्धि को गति देने के लिए सक्षम करेगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारतीय छात्रों को जस्टिन ट्रूडो ने दिया बड़ा झटका, कनाडा ने फास्ट-ट्रैक वीजा किया समाप्त

हिमाचल में तेज हुई समोसा पॉलिटिक्स, BJP MLA ने CM को भेजे 11 समोसे

यूपी CM के पहनावे को लेकर अखिलेश यादव का तंज, सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता

जमानत याचिका मामले में SC ने दिखाई सख्‍ती, कहा- एक दिन की देरी मूल अधिकारों का उल्लंघन

खरगे ने BJP पर लगाया भड़काऊ भाषणों के जरिए मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप

सभी देखें

नवीनतम

अयोध्या में 35 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

कांग्रेस नेता मतीन अहमद AAP में हुए शामिल

LIVE: CM विजयन पर प्रियंका गांधी वाड्रा का निशाना, कहा उन्होंने वायनाड के लिए क्या किया

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

अगला लेख
More