ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में मंगलवार को भी इसराइल के ताबड़तोड़ हमलों में अनेक लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा है कि ये हमले एक मानवीय सहायता भंडार से केवल 100 मीटर की दूरी पर हुए हैं, जबकि हज़ारों लोग, निरन्तर जारी भीषण युद्ध के बीच अपनी जान बचाने के लिए, लगातार विस्थापित हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा की स्थिति के बारे में ताज़ा जानकारी मुहैया कराई और कहा कि दियर अल-बलाह में सहायता भंडार के निकट हुए इन हमलों की ख़बरें, यूएन मानवीय राहत समन्वय एजेंसी OCHA की तरफ़ से आई हैं।
प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया— सहायता अभियान भी जारी हैं। मगर जहां आप काम करते हों, वहां से केवल 100 मीटर की दूरी पर जानलेवा हमले हों तो, इससे पहले से ही बेहद दबाव में काम कर रहे हमारे सहयोगियों पर दबाव और भी बढ़ जाता है, जबकि यह तो सभी जानते हैं कि आम लोग भी इस तरह के हमलों में मारे जा रहे हैं।
उत्तरी ग़ाज़ा से विस्थापन में उछाल : इस युद्ध के दौरान ग़ाज़ा के लोगों को, इसराइली सेना द्वारा जारी किए गए बार-बार बेदख़ली आदेशों का सामना करना पड़ा है। ध्यान रहे कि इस युद्ध को 9 महीने से भी अधिक समय हो चुका है जो अक्टूबर (2024) में भड़का था।
प्रवक्ता ने कहा कि ग़ाज़ा सिटी से विस्थापित होकर दियर अल-बलाह पहुंचने वाले लोगों में बहुत से परिवार भी शामिल थे और 1000 लोग तो पिछले सप्ताह ही यहां पहुंचे थे। स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि इनमें से बहुत से लोगों ने बताया है कि उन्हें दर्जनों बार विस्थापित होना पड़ा है।
प्रवक्ता ने कहा कि इन विस्थापन परिस्थितियों को देखते हुए, ग़ाज़ा सिटी से निकल रहे लोगों को रास्ते में पानी, तैयार भोजन, खाना और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कारने के लिए, टीमें तैनात की हैं।
ईंधन की निरन्तर कमी, क्लीनिकों से आशा की किरण यूएन प्रवक्ता ने कहा कि मानवीय सहायता अभियान जारी रखने के लिए, जितने ईंधन की ज़रूरत है, उसे देखते हुए, ईंधन की क़िल्लत बरक़रार है।
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने चिकित्सा सामग्री की भारी कमी और युद्ध में अनेक क्लीनिकों को तबाह होने जैसी अपार चुनौतियों के बावजूद, अहम स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना जारी रखा है।
यूएन न्यूज़के ज़ायद तालेब ने दियर अल-बलाह में UNRWA के एक क्लीनिक का दौरा किया है और वहां मौजूद अनेक विस्थापित लोगों से मुलाक़ात की है, जिन्होंने अपनी अपार तकलीफ़ें बयान कीं।
संक्रामक बीमारियों के फैलाव और रहन-सहन की अत्यन्त कठिन परिस्थितियों के बीच UNRWA के क्लीनिक अनेक लोगों के लिए जीवनरेखा साबित हो रहे हैं। ये क्लीनिक मुफ़्त उपचार और चिकित्सा सहायता मुहैया करा रहे हैं, जिसकी इन लोगों को बहुत ज़रूरत है।