काबुल। अमेरिका ने तय समय से पहले ही अफगानिस्तान पूरी तरह से छोड़ दिया है। इसके साथ ही यहां 20 साल के अमेरिकी मिशन का अंत हो गया। अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है।
अफगानिस्तान से सेना वापसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान जारी कर कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त हो गई है। मैं अपने कमांडरों को अफगानिस्तान में खतरनाक जगहों पर अपनी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि जैसा कि 31 अगस्त, काबुल समय की सुबह के समय में निर्धारित किया गया था और इस मिशन में और किसी सैनिक की जान नहीं गई।
बाइडन ने कहा कि पिछले 17 दिनों में हमारे सैनिकों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े एयरलिफ्ट को अंजाम दिया है। करीब 120,000 से अधिक अमेरिकी नागरिकों, हमारे सहयोगियों और संयुक्त राज्य अमेरिका के अफगान सहयोगियों को निकाला है।
अफगानिस्तान में मानवीय सहायता जारी रखेगा अमेरिका : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के जरिये नहीं बल्कि स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि तालिबान पर हमारे प्रतिबंधों के कारण यह सहायता सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि स्वतंत्र संगठनों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के जरिये प्रदान की जाएगी।
UNSC में तालिबान पर प्रस्ताव : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए।