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कोहली, रोहित के पास भारत को 13 साल बाद ICC ट्रॉफी दिलाने का अंतिम मौका

हमें फॉलो करें कोहली, रोहित के पास भारत को 13 साल बाद ICC ट्रॉफी दिलाने का अंतिम मौका

WD Sports Desk

, गुरुवार, 30 मई 2024 (11:43 IST)
Rohit Sharma, Virat Kohli T20 World Cup : ऐसे दो क्रिकेटर मिलना मुश्किल है जो एक-दूसरे से इतने अलग हों लेकिन फिर भी भाग्य के धागे से इतने करीब से जुड़े हों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा।
 
रोहित ने शीर्ष स्तर के क्रिकेट में शुरुआत 2007 में बेलफास्ट में की जबकि कोहली ने इससे एक साल बाद दांबुला में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। एक साथ चले इस सफर का एक और दिलचस्प अध्याय संभवतः अगले महीने कैरेबियाई द्वीपों में समाप्त हो जाएगा।
 
अगला टी20 विश्व कप 2026 में है जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे लेकिन तब रोहित 40 बरस के होने वाले होगे और कोहली 38 वर्ष के होंगे। ODI (50 ओवर) प्रारूप का विश्व कप इसके एक और साल बाद होगा।
 
खेल की स्ट्राइक रेट से जुड़ी प्रकृति में लगातार इजाफा हो रहा है और इसे देखते हुए इन दोनों को इनमें से किसी में भी खेलते हुए देखना मुश्किल है। इसलिए रोहित और कोहली दोनों अगले महीने विजेता का पदक अपने गले में लटकाए मंच से विदा लेना चाहेंगे। अगर वे ऐसा कर पाते हैं तो यह 2007 टी20 विश्व कप (रोहित) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा।
 
और यह उन दो खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन विदाई होगी जिन्होंने पिछले 17 वर्षों में भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट में काफी प्रभाव डाला।
 
हालांकि कोहली-रोहित की कहानी आपसी सम्मान और इस जागरूकता पर आधारित है कि उन्हें एक-दूसरे के काम मे दखल नहीं देनी।
 
कोहली ने अपने करियर की शुरुआत से ही रोहित के लिए उनके मन में जो प्रशंसा है, उसके बारे में बात की है।
 
कोहली ने ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ में कहा था, ‘‘मैं एक खिलाड़ी के बारे में उत्सुकता से भरा हुआ था। लोग कहते रहते थे - ‘यह एक ऐसा खिलाड़ी है जो तेजी से आगे बढ़ रहा है’। मुझे आश्चर्य होता था कि मैं भी एक युवा खिलाड़ी हूं लेकिन कोई मेरे बारे में बात नहीं करता, फिर यह खिलाड़ी कौन है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब वह (रोहित) बल्लेबाजी करने के लिए आया तो मैं चुप था। उसे खेलते हुए देखना अद्भुत था। वास्तव में मैंने उनसे बेहतर किसी खिलाड़ी को गेंद को टाइम करते नहीं देखा।’’
 
दोनों बल्लेबाजों में कोहली सभी प्रारूपों के अधिक अनुकूल बल्लेबाज हैं जिन्होंने खेल के बदलते स्वरूप के साथ अधिक सहजता से अनुकूलन किया है।
 
उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में हर जगह रन बनाए हैं जो सचिन तेंदुलकर के सुनहरे दिनों के बाद शायद ही कभी देखा गया हो। (भाषा)

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