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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाला अमेरिकी खिलाड़ी भारत के लिए खेला है 2 विश्वकप

रोहित के कोच ने मेरे करियर को आकार दिया: अमेरिकी क्रिकेटर हरमीत सिंह

हमें फॉलो करें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाला अमेरिकी खिलाड़ी भारत के लिए खेला है 2 विश्वकप

WD Sports Desk

, गुरुवार, 20 जून 2024 (16:38 IST)
अमेरिका में चल रहे टी20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन कर रही अमेरिकी टीम का हिस्सा बाएं हाथ के स्पिनर हरमीत सिंह ने खुलासा किया है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इकतीस वर्षीय हरमीत ने 2 अंडर-19 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अमेरिका जाने से पहले आयु वर्ग टूर्नामेंटों में मुंबई के लिए खेले। वह अब अमेरिकी टीम के सदस्य है जिसने टी20 विश्व कप में अपने पहले ही प्रयास में सुपर आठ चरण में जगह बनाई।

सुपर आठ चरण के पहले मैच में भी उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की तेज रन गति से चल रही पारी पर 2 विकेट लेकर ब्रेक लगाया और 4 ओवर के स्पैल में 24 रन दिए। उन्होंने मैन ऑफ द मैच क्विंटन डि कॉक को 74 रनों के स्कोर पर आउट किया और डेविड मिलर को खाता भी नहीं खोलने दिया।

इसके बाद जब वह बल्लेबाजी पर आए तो दक्षिण अफ्रीका 75 पर 5 विकेट गंवा चुका था लेकिन हरप्रीत ने 22 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्के लगाकर जो 38 रनों की पारी खेली उससे दक्षिण अफ्रीका की सांसे फूल गई। मैच भी उनके विकेट के बाद दक्षिण अफ्रीका की झोली में गिरा।

एक वीडियो में हरमीत ने कहा, ‘‘मैं इस यात्रा में मेरा साथ देने वाले सभी लोगों और विशेष रूप से दिनेश लाड सर को धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरी प्रतिभा को सबसे पहले लाड सर ने पहचाना जो मेरे स्कूल के दिनों में कोच और मेंटर थे (रोहित शर्मा उसी स्कूल में पढ़ते थे)।’’उन्होंने कहा, ‘‘असल में उन्होंने ही मुझे अपने स्कूल में शामिल होने की सलाह दी थी। वहां उन्होंने मुझे वह सब कुछ दिया जो वह संभवत: दे सकते थे।’’

हरमीत ने कहा कि लाड के बिना उनकी प्रगति संभव नहीं थी।उन्होंने कहा, ‘‘मैंने स्वामी विवेकानंद स्कूल में दाखिला लिया। हमने कई रिकॉर्ड तोड़े, तब उपनगरों में क्रिकेट नहीं था, लेकिन अब पीछे मुड़कर देखने पर यह सब एक सपने जैसा लगता है। हमने स्कूल में जो कुछ भी हासिल किया, वह लाड सर के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता था।’’

हरमीत ने कहा, ‘‘जिस जुनून के साथ उन्होंने हम पर काम किया और पद्माकर शिवालकर सर तथा प्रवीण आमरे सर के अंतर्गत बेहतर प्रशिक्षण के लिए हमें शिवाजी पार्क जिमखाना भेजकर जो समर्पण दिखाया, वह काबिले तारीफ है।’’

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