Sensex ने रचा इतिहास, 50,000 के ऊपर बंद

Webdunia
मंगलवार, 2 मार्च 2021 (16:56 IST)
मुंबई। घरेलू और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के बीच वाहन, बैंक और आईटी कंपनियों के शेयरों में तेज लिवाली से बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 447 अंक की मजबूती के साथ 50,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया।
 
30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 447.05 अंक यानी 0.90 प्रतिशत की बढ़त के साथ 50,296.89 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 157.55 अंक यानी 1.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,919.10 अंक पर बंद हुआ।
 
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, बजाज ऑटो, टेक महिंद्रा, टीसीएस और मारुति रही।  दूसरी तरफ ओएनजीसी, एचडीएफसी, डॉ. रेड्डीज, पावर ग्रिड और एसबीआई को नुकसान हुआ।  सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 लाभ के साथ बंद हुए। 
 
विश्लेषकों के अनुसार तीसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में वृद्धि से निवेशक उत्साहित हैं। साथ ही वैश्विक बांड बाजारों में पिछले सप्ताह के उठापटक के बाद स्थिरता से भी धारणा मजबूत हुई है।

बांड बाजार में स्थिरता के साथ एशिया के अन्य बाजारों में लगातार दूसरे दिन तेजी रही। इस बीच ब्रेंट क्रूड वायदा 0.71 प्रतिशत मजबूत होकर 63.76 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिका डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे मजबूत होकर 73.37 पर बंद हुआ। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

चित्तौड़गढ़ के एक गांव में पाषाण युग की शैल चित्रकारी मिली

संभल में दुष्कर्म पीड़िता की हत्या, 20 दिन पहले जेल से रिहा आरोपी ने मारी गोली

प्रियंका पर रीजीजू का पलटवार, संसदीय परंपराओं की याद दिलाई

असुरक्षित भोजन से प्रतिवर्ष 4.2 लाख लोगों की मौत

अगला लेख
More