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साइना नेहवाल : बैडमिंटन कोर्ट से राजनीति के मैदान में

हमें फॉलो करें साइना नेहवाल : बैडमिंटन कोर्ट से राजनीति के मैदान में
भारत की स्‍टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने देश को कई बड़ी और ऐतिहासिक जीत दिलाई है। वे दुनिया की नंबर वन खिलाड़ी और लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता रह चुकी हैं। साइना के खेल का जादू न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में चला है। उनकी गिनती दुनिया की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में होती है। हाल ही में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई हैं।

जन्‍म : साइना नेहवाल का जन्‍म 17 मार्च 1990, को हिसार शहर (हरियाणा) में हुआ है।
शिक्षा : साइना ने अपनी स्कूल की पढ़ाई की हरियाणा के हिसार के एक स्कूल से की थी, लेकिन उनके पिता का हैदराबाद ट्रांसफर हो जाने की वजह से उनके पूरे परिवार को हैदराबाद शिफ्ट होना पड़ा। बाद में उन्‍होंने अपनी 10वीं की पढ़ाई फॉर्म सेंट ऐनी कॉलेज मेहदीपत्तनम, हैदराबाद से पास की। वे पढ़ाई के साथ ही खेल गतिविधियों में भी सक्रिय रहती थीं। उन्होंने पढ़ाई करने के दौरान कराटे भी सीखे हैं, उन्हें इसमें ब्राउन बेल्ट भी मिला हुआ है। वे बेहद कम उम्र से ही बैडमिंटन खेलने में दिलचस्पी लेने लगी थीं, उनके पिता भी उन्‍हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी बनाना चाहते थे।

पारिवारिक पृष्‍ठभूमि : साइना के पिता का नाम हरवीर सिंह और माता का नाम उषा रानी है। साइना नेहवाल का विवाह 14 दिसंबर, 2018 को मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप के साथ हुआ है। साइना के माता-पिता भी बैडमिंटन के बेहतरीन खिलाड़ी रह चुके हैं।

करियर : साइना ने प्रोफेशनल बैडमिंटन की ट्रेनिंग हैदराबाद के लाल बहादुर खेल स्टेडियम में ली है। बाद उन्‍होंने द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच एसएम आरिफ से खेल के गुर सीखे। बाद में अपने खेल को और निखारने के लिए साइना ने हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद एकेडमी ज्वाइन की।

उपलब्धि : साइना नेहवाल ने अपने अद्भुत खेल प्रदर्शन से लगातार जीत के कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जो कि इस प्रकार है-
साइना नेहवाल ने अपना सबसे पहला टूर्नामेंट साल 2003 में हुए 'जूनियर सीजेक ओपन' में खेला था और इसमें उन्होंने शानदर प्रदर्शन कर जीत हासिल की थी।
2004 में हुए कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन कर दूसरा स्थान हासिल किया।
2005 में एशियन सेटेलाइट बैडमिंटन टूर्नामेंट में भी अपनी जीत का परचम लहराया।
2008 में ‘इंडियन नेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप’, ‘कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स’ और ‘चायनीस टेपी ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड’ में भी जीत हासिल की।
साल 2009 में दुनिया की सबसे प्रमुख बैडमिंटन सीरीज 'इंडोनेशिया ओपन' का खिताब जीता और वे इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं।
2010 में सिंगापुर ओपन सीरीज, इंडिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड, हांगकांग सुपर सीरीज एवं इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज जैसे बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल की। 
2011 में स्विस ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड, इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर, मलेशिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड जैसे बड़े टूर्नामेंट में जीत का परचम लहराया। 
2012 में तीसरी बार इण्डोनेशियाई ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर का खिताब अपने नाम किया। 
2014 में पीवी सिंधु को हराकर इंडिया ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड टूर्नामेंट महिला एकल में जीत हासिल कर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती। 
2015 में 29 मार्च को साइना ने इंडिया ओपन BWF सुपर सीरीज में सींगल्स खिताब जीता। 2015 में ही हुई ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन ओपन चैम्पियनशिप में साइना फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
साइना का साल 2017 बेहद चुनौतीपर्ण रहा। इस साल वे अपने चोट लगने की वजह से कई बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकीं। हालांकि थोड़े दिन के बाद फिर से उसी जोश और जज्बे से गेम में वापसी की।
2017 में वर्ल्ड बडमिंटन चैम्पियनशिप में सेमिफाइनल तक पहुंचीं लेकिन इस टूर्नामेंट में उन्हें जापान की बैडमिंटन खिलाड़ी नोजोमी ओकूहारा से हार का सामना करना पड़ा।
2017 में 82वें नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में पीवी सिंधू को हराकर जीत दर्ज की।
2018 में कई नए रिकॉर्ड अपने नाम किए। 
2019 में इंडोनेशिया मास्टर्स के वीमेंस सिंगल्स का खिलाब अपने नाम किया।
2016 में भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक 'पदम भूषण सम्मान' से पुरस्कृत किया गया।
2009-2010 में खेल जगत का सबड़े बड़ा और प्रतिष्ठित पुरस्कार 'राजीव गांधी खेल रत्न' पुरस्कार से नवाजा गया।
2009 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
2010 में भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कार पदमश्री से नवाजा गया।

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