पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भारतीय कुश्ती दल को दो चरण वाली चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमें कोटा स्थान अर्जित करने वाले पहलवान को जून में चैलेंजर से भिड़ना होगा और इस मुकाबले के विजेता को चार साल में होने वाले खेल आयोजन में देश के प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा।
विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा वर्ग में) ने ही अब तक देश के लिए कोटा स्थान अर्जित किया है लेकिन ओलंपिक में उनकी भागीदारी का पता एक जून को ही चलेगा। अंतिम को एक जून को ट्रायल स्पर्धा की विजेता से भिड़ना होगा।
अंतिम को ओलंपिक टिकट पाने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वी विनेश फोगाट से भिड़ना पड़ सकता है। ट्रायल में अगर विनेश 53 किग्रा भार वर्ग में विजेता बनती है तो उनके पास भी ओलंपिक में जाने का मौका होगा।
भारत के पास एशियाई और विश्व क्वालीफायर के जरिये 17 और ओलंपिक कोटा हासिल करने का मौका होगा। इसमें किर्गिस्तान में 19 से 21 अप्रैल तक एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर और तुर्किये में नौ से 12 मई तक विश्व ओलंपिक क्वालीफायर का आयोजन शामिल है। भारत पुरुषों की फ्री-स्टाइल और ग्रीको रोमन स्पर्धा में छह-छह जबकि महिला वर्ग में पांच और कोटा हासिल कर सकता है।
भविष्य में कोटा स्थान सुनिश्चित करने वाले पहलवानों को भी पेरिस का टिकट कटाने के लिए चैलेंजर के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी होगी।भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति ने एक बयान में कहा कि 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए यह व्यापक चयन नीति वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी।
अंडर-20 आयु वर्ग में दो बार की विश्व चैंपियन अंतिम को किर्गिस्तान और तुर्की में दो ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धाओं के टीम चयन के लिए फरवरी में होने वाले ट्रायल से भाग लेने से छूट दी गई है।इन दोनों ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धाओं के लिए भारतीय दल के अन्य सदस्यों का चयन 27 से 29 फरवरी तक आयोजित होने वाले ट्रायल के आधार पर किया जाएगा। ट्रायल में सभी 30 ओलंपिक और गैर-ओलंपिक श्रेणियों के मुकाबले होंगे।
हांग्झोउ एशियाई खेलों और 2023 सीनियर विश्व चैंपियनशिप का हिस्सा रहे सभी पहलवान फरवरी में होने वाले ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करने के पात्र होंगे। इसके अलावा विभिन्न चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता, अंडर-17, अंडर-20, अंडर-23 श्रेणियों में ओपन ट्रायल के विजेता भी ट्रायल में चुनौती पेश कर सकते हैं। सीनियर स्तर की प्रतियोगिताओं और इस साल हुए राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेता भी इस ट्रायल का हिस्सा बन सकते हैं।(भाषा)