Google Doodle Hamida Banu : मिर्जापुर की पहलवान जिसने दिया था ओपन चैलेंज जो हराएगा उससे करूंगी शादी
जिसे कोई पुरुष पहलवान हरा नहीं पाया, खाती थी रोज आधा किलो घी और एक किलो मटन, पति ने तोड़ दिए थे हाथ पैर
Hamida Banu Google Doodle
Hamida Banu Google Doodle : आज के ज़माने में हम दखते महिलाओं और पुरुषों को खेल में सामान रूप से देखते हैं। हर खेल में महिलाएं नाम कमा रही हैं, अपने देश का गौरव बढ़ा रही हैं लेकिन एक समय भारत में ऐसा भी था जब लोग इस तरह की सोच भी रखते थे कि महिलाएं खेल में भाग नहीं ले सकती ये काम पुरुषों का है। उस समय हर खेल में सिर्फ पुरुषों का दबदबा हुआ करता था। ऐसी सोच वाले लोगों के लिए औरतों को खेलते देखना जैसे पाप हो जाता था। संकुचित मानसिकता के लोगों के लिए यह असहनीय था।
उनकी सोच थी कि महिलाएं सिर्फ चूल्हा चोखा करते हुए अच्छी लगती हैं, ऐसे वक्त में एक दबंग महिला ने वो का दिखाया जो कोई पुरुष तक न कर सका।
हम बात कर रहे हैं हमीदा बानो की जिसका आज गूगल अपने गूगल डूडल पर उन्हें दर्शा कर जश्न मन रहा है। हमीदा बानो भारत की पहली महिला पहलवान थी, उनका जन्म 1900 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ के पास हुआ था, 1940 और 1950 के दशक में अपने करियर के दौरान 300 से अधिक प्रतियोगिताएं जीतीं और इस दौरान उन्हें कोई पुरुष न हरा सका।
उनकी उपलब्धियों की वजह से उन्हें 'Amazon of Aligarh' नाम दिया गया था। आज उन्हें इसलिए याद किया जा रहा है क्योंकि आज ही के दिन 1954 में आयोजित एक कुश्ती मैच में केवल 1 मिनट और 34 सेकेंड में हमीदा बानो ने प्रसिद्ध पहलवान बाबा पहलवान को हराया था और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। बाबा पहलवान ने इस हार के बाद संन्यास ही ले लिया था।
हमीदा बानो का वजन 108 किलो था और लंबाई 5 फीट 3 इंच थी। उनके डेली खानपान में 6 लीटर दूध, आधा किलो घी, 1 किलो मटन शामिल था।
रुढ़िवादी मनोवृत्ति वाली सोच के लोगों ने बनो अपने गृहनगर मिर्ज़ापुर को छोड़कर अलीगढ़ जाने के लिए मजबूर कर दिया था। वहां उन्होंने सलाम पहलवान नाम के एक स्थानीय पहलवान से ट्रेनिंग ली थी।
गूंगा पहलवान, हमीदा बानो से डरकर पीछे हट गए…
1944 में, जब एक प्रतिष्ठित पहलवान गूंगा पहलवान से लड़ने के लिए मैदान में पहुंचीं तो उन्होंने सुर्खियां बटोरीं थी। अख़बार बॉम्बे क्रॉनिकल ने बताया कि लगभग 20,000 लोग इस महत्वपूर्ण मैच को देखने आए थे। आखिरकार एक महिला को पुरुष से कुश्ती करते देखना उनके लिए काफी नया और अजीब जो था। लेकिन यह मैच रद्द कर दिया गया था। गूंगा पहलवान ने मांगें की थी कि तैयारी के लिए उन्हें वक्त दिया जाए और राशि भी बधाई जाए।
उनकी ऐसी असंभव मांगों की वजह से मैच कैंसिल हुआ और जब मैच रद्द की घोषणा हुई तो स्टेडियम में भीड़ गुस्सा हो गई, गुस्से में वहां तोड़ फोड़ होना शुरू हुई, पुलिस ने जैसे तैसे मामले को संभाला, अगले दिन कुछ अखबारों ने छापा- गूंगा पहलवान, हमीदा बानो से डरकर पीछे हट गए… तबसे उन्होंने सुर्खियां बटोरनी शुरू की।
जो हराएगा उसी से शादी करुँगी
1954 में हमीदा बानो ने एक चैलेंज रखा था कि वे उसी से शादी करेंगी जो उन्हें कुश्ती में हरा पाएगा। कई पहलवानों ने उनका यह चैलेंज स्वीकार किया लेकिन उन्हें कोई नहीं हरा पाया। पहला मुकाबला पटियाला के कुश्ती चैंपियन से हुआ था और दूसरा कोलकाता के चैंपियन से।
हमीदा ने दोनों को उन मुकाबलों में मात दी थी। तीसरे मुकाबले के लिए वे बड़ौदा पहुंची जहाँ उनका मुकाबला गामा पहलवान से होना था। उस समय एक सुधीर परब नाम के बच्चे ने बीबीसी को बताया कि उनके बड़ौदा आगमन का प्रचार बैनर और पोस्टर के माध्यम से किया गया था। रिक्शा से लेकर ट्रक तक उनके पोस्टर्स लगाए गए। उस समय तक वह 300 से अधिक प्रतियोगिताएं जीत चुकी थीं लेकिन गामा पहलवान से यह कहकर नाम वापस ले लिया कि वे एक महिला पहलवान के साथ कुश्ती नहीं लड़ेंगे इसके बाद उनका मुकाबला हुआ था बाबा पहलवान से।
मोरारजी देसाई से की शिकायत
लेकिन इस समय कुछ पुरुष ऐसे भी थे जो इस बात से खुश नहीं थे कि वह लगातार रूप से पुरुष चैंपियनों को हरा रही थी। एक बार हमीदा को अपने खिलाफ लगे अनौपचारिक प्रतिबंध की शिकायत करने के लिए मोरारजी देसाई के पास जाना पड़ा, जो उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।
रूस की पहलवान को भी हराया
हमीदा बानो के नाम अंतरराष्ट्रीय खिताब दर्ज हैं। उन्होंने रूसी पहलवान वेरा चिस्टिलिन (Vera Chistilin) के खिलाफ कुश्ती मैच भी 1 मिनट से भी कम समय में जीत लिया था।
हमीदा बानो की डाइट
(Hamida Banu Height, Weight, Diet)
उसका वजन, ऊंचाई, आहार सभी खबरें बनीं। कथित तौर पर उसका वजन 17 स्टोन (108 किलोग्राम) था और उसकी लंबाई 5 फीट 3 इंच (1.6 मीटर) थी। उनके दैनिक आहार में 5.6 लीटर दूध, 2.8 लीटर सूप, 1.8 लीटर फलों का रस, एक मुर्गी, लगभग 1 किलो मटन और बादाम, आधा किलो मक्खन, 6 अंडे, दो बड़ी रोटियां और दो प्लेट बिरयानी शामिल थीं। वह दिन में नौ घंटे सोती थी और 6 घंटे ट्रेनिंग करती थीं।
पति ने तोड़ दिए थे हाथ पर
बानो ने जब रूस की पहलवान को हराया था तब उन्होंने यूरोप जाकर कुश्ती लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन उनके कोच सलमान को उनका यह आईडिया पसंद नहीं आया। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया कि उन दोनों ने शादी की और मुंबई के नजदीक कल्याण में डेरी का बिजनेस चालू किया। यूरोप जाने से रोकने के लिए सलमान ने हमीदा बानो को लाठियों से पीटा, उसके हाथ तोड़ दिए थे।
कई सालों तक वह लाठी के सहारे चलती थी। उन्होंने रोड साइड खाने की चीज़ों को बेचना शुरू किया। उनके आखिरी के दिन बेहद कठिन थे। साल 1986 में उनकी गुमनामी में मौत हुई।