जालंधर के इस गांव ने देश ही नहीं दुनिया को दिए हैं सबसे ज्यादा हॉकी खिलाड़ी

Webdunia
मंगलवार, 10 अगस्त 2021 (19:25 IST)
अगर गोलकीपर अन्ना, श्रीजेश को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर खिलाड़ी के सरनेम सिंह है। मनदीप सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, हरमनप्रीत सिंह, मनप्रीत सिंह। इससे अंदाजा लगता है कि ज्यादातर हॉकी खिलाड़ी पंजाब से है। जैसे हरियाणा कुश्ती के लिए मशहूर है ठीक वैसे ही पंजाब हॉकी खिलाड़ियों के लिए। खासकर जालंधर, यहां से कई हॉकी खिलाड़ी ओलंपिक में भारत के लिए खेल चुके हैं।
 
अगर जालंधर के गांव की बात करें तो दो ऐसे गांव है जो हॉकी की नर्सरी कहे जाते हैं। मिट्ठापुर और संसारपुर दो ऐसे गांव हैं जिसने देश को दर्जनों ओलंपियन दिए हैं। इस टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम के 8 खिलाड़ी तो इस ही गांव के थे। 
 
यही नहीं हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह भी इस ही गांव से आते है। मनदीप और वरूण भी मिट्ठापुर से ही है। मिट्ठापुर के सुरजीत सिंह अकादमी से खेले 8 खिलाड़ी इस बार टोक्यो ओलंपिक में खेलने गए थे।इसमें से सिमरनजीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह और गुरप्रीत कौर इस ही अकादमी की देन है। 
 
संसारपुर की बात करें तो यह हॉकी की नर्सरी के नाम से मशहूर है। अबतक इस गांव ने 14 ओलंपियन दिए हैं जो 27 ओलंपिक मेडल लेकर आए हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा गांव है जिसने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा हॉकी प्लेयर्स दिए हैं।
1932 में निकले कप्तान फिर लाइन लगी खिलाड़ियों की
 
इस गांव ने सबसे पहले गुरमीत सिंह ने 1932 में लॉस एंजलिस ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। उनके बाद तो इस गांव ने लगातार हॉकी इंडिया के लिए खिलाड़ी दिए। संसारपुर के सूबेदार ठाकुर सिंह ऐसे पहले भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे जो विदेशी दौरे पर गए थे। 
 
अंग्रेजो से मिली थी प्रेरणा
 
संसारपुर का गांव केंटोनमेंट एरिया के पास था इस कारण हॉकी खेलने की प्रेरणा। इस गांव के लोगों को अंग्रेजो से मिली। इस ही गांव के रहने वाले अजीत पाल सिंह ने हॉकी को नई उंचाईयों पर पहुंचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने 1975 का हॉकी विश्वकप जीता। इस टीम के एक अन्य खिलाड़ी वरिंदर सिंह भी इस गांव में जन्म थे।
 
दूसरे देश से भी खेल चुके हैं कई खिलाड़ी
 
संसारपुर गांव ने सिर्फ देश में ही नहीं विदेश में भी खेलने वाले खिलाड़ी दिए हैं। ओलंपियन कर्नल गुरमीत सिंह, उधम सिंह, गुरुदेव सिंह, दर्शन सिंह, कर्नल बलबीर सिंह, जगजीत सिंह, अजीत पॉल सिंह, गुरजीत सिंह कुलार, तरसैम सिंह, हरदयाल सिंह, हरदेव सिंह, जगजीत सिंह और बिंदी कुलार जैसे खिलाड़ी कनाड़ा की ओर से खेल चुके हैं। 
शुरु से ही इस गांव ने हॉकी में अपना दबदबा बनाए रखा था। छोटे से वर्गक्षेत्र में फैले इस गांव ने करीब दर्जन भर ओलंपियन देश को दिए। 
 
आसपास के गांव ने अपनाया हॉकी
ब्रिटिश सेना से विरासत में मिला यह खेल सिर्फ संसारपुर में ही नहीं बल्कि आसपास के गांव में भी फैला। जैसे जैसे समय आगे बढ़ा वैसे वैसे लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ने लगी। हॉकी में लोगों की भागीदारी बढ़ती गई और एक से एक खिलाड़ी निकलते रहे। मिट्ठापुर भी एक ऐसा ही गांव है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

बढ़ती उम्र में भी 10 करोड़ रुपए, शमी ने मांजरेकर को किया गलत साबित

IPL 2025 Mega Auction : ऋषभ पंत बने IPL इतिहास में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी

IPL 2025 Mega Auction : श्रेयस अय्यर इतिहास के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी, हुए जिंटा की टीम में शामिल

LIVE: IPL 2025 Mega Auction इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने ऋषभ पंत

विराट कोहली ने 491 दिनों बाद जड़ा शतक, तेंदुलकर और गावस्कर को छोड़ा पीछे

अगला लेख
More