जकार्ता। भारत ने किदांबी श्रीकांत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए जापान के काजूमासा सकई को रविवार को लगातार गेमों में 21-11, 21-19 से हराकर पहली बार इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।
श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन में अपने स्वप्निल प्रदर्शन को फाइनल में भी बरकरार रखा और खिताब अपने नाम किया। श्रीकांत सेमीफाइनल में विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी कोरिया के सोन वान हो को पराजित किया था और अब फाइनल में उन्होंने जापानी खिलाड़ी को शिकस्त दे दी।
विश्व रैंकिंग में 22वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत का यह तीसरा सुपर सीरीज खिताब है। उन्होंने इससे पहले 2014 में चाइना ओपन और 2015 में इंडिया ओपन के सुपर सीरीज खिताब जीते हैं। इस खिताबी जीत के बाद श्रीकांत की रैंकिंग में निश्चित रूप से उल्लेखनीय सुधार आएगा।
इंडोनेशिया ओपन में इस बार भारतीय पुरुष खिलाड़ियों का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा। भारत की महिलाओं में ओलंपिक रजत विजेता पीवी सिंधू और पूर्व नंबर 1 साइना नेहवाल दूसरे दौर में बाहर हो गई थीं लेकिन एचएस प्रणय और श्रीकांत ने तिरंगा बुलंद रखा।
प्रणय ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक स्वर्ण विजेता और विश्व चैंपियन चेन लोंग को पराजित किया जबकि श्रीकांत ने विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी सोन वान हो को धूल चटा दी। भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में यह पहला ऐसा टूर्नामेंट बन गया जिसमें 2 भारतीय पुरुष खिलाड़ियों ने ओलंपिक पदक विजेताओं और विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी को हराया।
18 जून, रविवार के जिस दिन पूरा देश और मीडिया भारत और पाकिस्तान के बीच इंग्लैंड के लंदन में चैंपियंस ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले पर टकटकी लगाए बैठा था तो उसी दिन श्रीकांत ने इंडोनेशिया के जकार्ता में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए खिताबी जीत दर्ज की। (वार्ता)