थॉमस और उबेर कप में भारत के समक्ष कड़ी चुनौती

Webdunia
शनिवार, 19 मई 2018 (18:28 IST)
बैंकॉक (थाईलैंड)। बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में साइना नेहवाल और एचएस प्रणय के नेतृत्व में भारत की युवा टीम को रविवार से यहां शुरू हो रहे थॉमस और उबेर कप के फाइनल्स में कड़ी चुनौती से पार पाना होगा।
 
 
विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज पीवी सिन्धु और चौथे स्थान पर काबिज किदांबी श्रीकांत जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में इस विश्व टीम चैंपिनशिप में भारत का दारोमदार साइना और प्रणय के कंधों पर होगा। भारतीय महिला टीम पिछले 2 सत्र में उबेर कप में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही है जबकि पुरुषों की टीम पिछले 8 साल से थॉमस कप के क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना पाई।
 
पुरुष टीम में विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज प्रणय के साथ एकल में सिंगापुर ओपन के विजेता बी. साई प्रणीत, स्विस ओपन विजेता समीर वर्मा और विश्व जूनियर रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज लक्ष्य सेन हैं। युगल की बागडोर राष्ट्रीय चैंपिन जोड़ी मनु अत्री एवं बी. सुमीत रेड्डी के अलावा युवा अर्जुन एमआर एवं श्लोक रामचन्द्रन के हाथों में होगी। 
 
भारत को ग्रुप 'ए' में रखा गया है जिसमें ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के अलावा मजबूत मानी जाने वाली चीन की टीम भी है। प्रणय की टीम रविवार को शुरुआती मुकाबले में फ्रांस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करना चाहेगी।
 
प्रणीत ने कहा कि मुकाबला कठिन है, हमारी टीम युवा है और हम पदक के साथ स्वदेश आ सकते हैं लेकिन हमारा ध्यान पहले फ्रांस को हराने और नॉकआउट दौर में जगह पक्की करने पर है तथा फ्रांस की टीम से मुकाबला आसान नहीं होगा। ब्राइस लेवरडेज और लुकास कोरवी अच्छे खिलाड़ी हैं और हम उन्हें हल्के में नहीं ले सकते। अगर हम फ्रांस को हराते हैं तो क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर लेंगे और फिर आगे की योजना पर काम कर सकते हैं। अगर क्वार्टर फाइनल में हमारा सामना कोरिया या इंडोनेशिया जैसी टीम से हुआ तो फिर एकल में हमारे पास अच्छा मौका होगा। 
 
भारत का अभियान काफी हद तक एकल मुकाबलों पर निर्भर करेगा, क्योंकि राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली सात्विक रंकीरेड्डी और चिराग सेठी की जोड़ी इसमें भाग नहीं ले रही। 
 
भारतीय महिला टीम ग्रुप 'ए' में कनाड़ा ऑस्ट्रेलिया और मजबूत जापान के साथ है और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें शीर्ष 2 टीमों में रहना होगा। महिला टीम को सिन्धु के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता अश्विनी पोनप्पा और एन. सिक्की रेड्डी की जोड़ी की कमी खलेगी। सिक्की को पिछले दिनों टायफाइड हुआ था।
 
साइना से उम्मीदें हों गी कि वे अपना मैच जीते लेकिन 16 साल की वैष्णवी रेड्डी, विश्व रैंकिंग में 64वें स्थान पर काबिज साई कृष्ण प्रिया, अनुरा प्रभु देसाई और वैष्णवी भाले को एकल में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर जापान और कनाडा के खिलाफ। युगल में प्राजक्ता सावंत एवं संयोगिता घोरपड़े और पूर्विशा एस. राम एवं मेघना जे. को भी भारतीय उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कुछ खास करना होगा। (भाषा) HS Prannoy, Thomas Cup, Uber Cup, PV Sindhu, साइना नेहवाल, एचएस प्रणय, थॉमस कप, उबेर कप, पीवी सिन्धु 
 
थॉमस और उबेर कप में भारत के समक्ष कड़ी चुनौती
 
बैंकॉक (थाईलैंड)। बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में साइना नेहवाल और एचएस प्रणय के नेतृत्व में भारत की युवा टीम को रविवार से यहां शुरू हो रहे थॉमस और उबेर कप के फाइनल्स में कड़ी चुनौती से पार पाना होगा।
 
 
विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज पीवी सिन्धु और चौथे स्थान पर काबिज किदांबी श्रीकांत जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में इस विश्व टीम चैंपिनशिप में भारत का दारोमदार साइना और प्रणय के कंधों पर होगा। भारतीय महिला टीम पिछले 2 सत्र में उबेर कप में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही है जबकि पुरुषों की टीम पिछले 8 साल से थॉमस कप के क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना पाई।
 
पुरुष टीम में विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज प्रणय के साथ एकल में सिंगापुर ओपन के विजेता बी. साई प्रणीत, स्विस ओपन विजेता समीर वर्मा और विश्व जूनियर रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज लक्ष्य सेन हैं। युगल की बागडोर राष्ट्रीय चैंपिन जोड़ी मनु अत्री एवं बी. सुमीत रेड्डी के अलावा युवा अर्जुन एमआर एवं श्लोक रामचन्द्रन के हाथों में होगी। 
 
भारत को ग्रुप 'ए' में रखा गया है जिसमें ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के अलावा मजबूत मानी जाने वाली चीन की टीम भी है। प्रणय की टीम रविवार को शुरुआती मुकाबले में फ्रांस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करना चाहेगी।
 
प्रणीत ने कहा कि मुकाबला कठिन है, हमारी टीम युवा है और हम पदक के साथ स्वदेश आ सकते हैं लेकिन हमारा ध्यान पहले फ्रांस को हराने और नॉकआउट दौर में जगह पक्की करने पर है तथा फ्रांस की टीम से मुकाबला आसान नहीं होगा। ब्राइस लेवरडेज और लुकास कोरवी अच्छे खिलाड़ी हैं और हम उन्हें हल्के में नहीं ले सकते। अगर हम फ्रांस को हराते हैं तो क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर लेंगे और फिर आगे की योजना पर काम कर सकते हैं। अगर क्वार्टर फाइनल में हमारा सामना कोरिया या इंडोनेशिया जैसी टीम से हुआ तो फिर एकल में हमारे पास अच्छा मौका होगा। 
 
भारत का अभियान काफी हद तक एकल मुकाबलों पर निर्भर करेगा, क्योंकि राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली सात्विक रंकीरेड्डी और चिराग सेठी की जोड़ी इसमें भाग नहीं ले रही। 
 
भारतीय महिला टीम ग्रुप 'ए' में कनाड़ा ऑस्ट्रेलिया और मजबूत जापान के साथ है और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें शीर्ष 2 टीमों में रहना होगा। महिला टीम को सिन्धु के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता अश्विनी पोनप्पा और एन. सिक्की रेड्डी की जोड़ी की कमी खलेगी। सिक्की को पिछले दिनों टायफाइड हुआ था।
 
साइना से उम्मीदें हों गी कि वे अपना मैच जीते लेकिन 16 साल की वैष्णवी रेड्डी, विश्व रैंकिंग में 64वें स्थान पर काबिज साई कृष्ण प्रिया, अनुरा प्रभु देसाई और वैष्णवी भाले को एकल में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, खासकर जापान और कनाडा के खिलाफ। युगल में प्राजक्ता सावंत एवं संयोगिता घोरपड़े और पूर्विशा एस. राम एवं मेघना जे. को भी भारतीय उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कुछ खास करना होगा। (भाषा)

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