बर्मिंघम। कड़े ड्रा के बावजूद भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और साइना नेहवाल बुधवार से यहां शुरू हो रही ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में भारत के खिताब के लगभग दो दशक लंबे इंतजार को खत्म करने के इरादे से उतरेंगी। सिंधू और साइना के मेंटर तथा मौजूदा मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद 2001 में ऑल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले पिछले भारतीय खिलाड़ी थे।
विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) की विश्व रैंकिंग में शीर्ष 32 में शामिल खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में जगह मिलती है और भारत के सिर्फ तीन खिलाड़ियों को इस बार वरीयता दी गई है। सिंधू और साइना के अलावा पुरुष एकल में किदांबी श्रीकांत को सातवीं वरीयता मिली है।
ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पांचवीं वरीय सिंधू इस 10 लाख डालर इनामी प्रतियोगिता में अपने अभियान की शुरुआत दक्षिण कोरिया की दुनिया की दूसरे नंबर की पूर्व खिलाड़ी सुंग जी ह्युन के खिलाफ करेंगी।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और आठवीं वरीय साइना को पहले दौर में स्काटलैंड की क्रिस्टी गिलमोर से भिड़ना है। साइना ने क्रिस्टी के खिलाफ अपने अब तक के सभी छह मुकाबले जीते हैं जबकि सिंधू ने सुंग जी के खिलाफ पिछले 14 मुकाबलों में आठ जीत दर्ज की हैं जबकि छह बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
सुंग जी ने पिछले साल तीन मैचों में सिंधू को दो बार हराया और अगर यह भारतीय खिलाड़ी पहले दौर का मुकाबला जीतने में सफल रहती है तो दूसरे दौर में उन्हें रूस की येवगेनिया कोसेतस्काया और हांगकांग की च्युंग एनगान यी के बीच होने वाले मैच की विजेता से भिड़ना होगा। क्वार्टर फाइनल में सिंधू का सामना चीन की तीसरी वरीय युवा खिलाड़ी चेन यूफेई से हो सकता है।
पिछले साल इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही सिंधू ने कहा, 'प्रत्येक दौर का मुकाबला तुलनात्मक रूप से कड़ा है। मेरे लिए प्रत्येक अंक महत्वपूर्ण होगा। मैं पहले दौर में सुंग जी ह्युन के खिलाफ खेल रही हूं और मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि पहले दौर से ही एकाग्रता के साथ खेलूं।'
साइना भारत की मौजूदा खिलाड़ियों में एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं जो आल इंग्लैंड के फाइनल में पहुंचने में सफल रही हैं। वह यहां 2015 में उप विजेता रही थी।
साइना ने सत्र की अच्छी शुरुआत करते हुए जनवरी में इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब जीता और फिर सिंधू को हराकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। इस भारतीय खिलाड़ी को दूसरे दौर में डेनमार्क की लाइन होमार्क जार्सफेल्ड और चीन की काइ यानयान के बीच होने वाले मैच की विजेता से भिड़ना होगा और अगर वह इसमें जीत दर्ज करती हैं तो उनका सामना ताइ जू यिंग से हो सकता है जिनके खिलाफ उन्होंने लगातार 12 मैच गंवाए हैं। चीनी ताइपे की ताइ जू ने साइना के खिलाफ 14 मुकाबले जीते हैं और पांच गंवाए हैं।
पुरुष एकल में श्रीकांत पहले दौर में फ्रांस के ब्राइस लेवरडेज से भिड़ेंगे जबकि फार्म में चल रहे समीर वर्मा अपने अभियान की शुरुआत पूर्व विश्व चैंपियन और दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन के खिलाफ करेंगे।
वर्ष 2018 में खराब प्रदर्शन के बाद श्रीकांत मलेशिया और इंडोनेशिया में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रहे और वह आल इंग्लैंड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बेताब होंगे।
विश्व टूर फाइनल्स के नाकआउट में पहुंचे समीर मौजूदा सत्र की अपनी पहली बीडब्ल्यूएफ प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। अन्य भारतीयों में बी साई प्रणीत और एचएस प्रणय पहले दौर में आमने सामने होंगे।
महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी को पहले दौर में शिहो तनाका और कोहारू योनेमोतो की जापान की सातवीं वरीय जोड़ी से खेलना है जबकि मेघना जक्कमपुडी और पूर्विशा एस राम का सामना रूस की एकतेरिना बोलोतोवा और एलिना देवलेतोवा से होगा। पुरुष युगल में मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी को पहले दौर में चीन के ओयु शुआनयी और रेन शियांग्यू की चीन की जोड़ी से भिड़ना है। (भाषा)