न्यूयॉर्क। स्पेनिश स्टार राफेल नडाल अर्जेंटीना के डिएगो श्वार्ट्जमैन को 6-4, 7-5, 6-2 से शिकस्त देकर अमेरिकी ओपन टेनिस ग्रैंडस्लैम के सेमीफाइनल में पहुंचे और अब उनका सामना इटली के माटियो बेरेटिनी से होगा।
दूसरे वरीय और न्यूयॉर्क में 3 बार के चैंपियन नडाल ने 5 फुट 7 इंच के श्वार्ट्जमैन के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और 19वें ग्रैंडस्लैम खिताब की कोशिश में फाइनल में जगह बनाने के लिए 24वें वरीय बेरेटिनी से भिड़ेंगे जिन्होंने फ्रांस के 13वें वरीय गेल मोंफिल्स को 3 घंटे 57 मिनट तक चले मैराथन मुकाबले में 3-6, 6-3, 6-2, 3-6, 7-6 से शिकस्त दी।
नडाल इस तरह 33वें ग्रैंडस्लैम सेमीफाइनल में पहुंचे जिससे वे इतिहास में अंतिम 4 में पहुंचने वाले खिलाड़ियों में रोजर फेडरर (45) और नोवाक जोकोविच (36) के बाद तीसरे नंबर पर हैं। वे न्यूयॉर्क में 8वीं बार सेमीफाइनल में पहुंचे।
अमेरिकी ओपन में 2 बार क्वार्टर फाइनल में जगबह बना चुके श्वार्ट्जमैन पर लगातार आठवीं जीत दर्ज करने में नडाल को 3 घंटे लगे और यह मुकाबला गुरुवार तड़के तक चला। नडाल को तीसरे सेट में बांह के लिए उपचार लेना पड़ा लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की चोट से इनकार किया। पिछले साल सेमीफाइनल में जुआन मार्टिन डेल पोत्रो के खिलाफ घुटने की चोट के कारण उन्हें रिटायर होना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आज काफी उमस थी। मुझे कुछ जकड़न हुई और इसका मैंने कुछ उपचार किया। बस इतना ही। नडाल ने कहा कि मुझे लगता है, मैं ठीक हूं। कोई बड़ी समस्या नहीं है। अभी थोड़ा थका हूं, लंबा मैच रहा। अब सोऊंगा, लेकिन मुझे सही में लगता है कि मैं फिट हूं।
रोम के 23 साल के खिलाड़ी बेरेटिनी बुधवार को 42 साल में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले इटली के पहले खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले 1977 में इटली के कोराडो बाराजुट्टी अंतिम 4 में पहुंचे थे। बेरेटिनी ने रोमांचक मैच के बाद कहा कि यह बढ़िया मुकाबला था। मुझे लगता है कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक रहा। मैं सचमुच काफी खुश हूं, नहीं पता कि क्या कहूं।
इस तरह बेरेटिनी पुरुष ग्रैंडस्लैम के एकल सेमीफाइनल में पहुंचने वाले इटली के चौथे खिलाड़ी बन गए। उन्होंने मैच के बारे में अंतिम सेट के बारे में बताते हुए कहा कि मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे मैच प्वॉइंट मिला और वह इसे हासिल नहीं कर पाया। इस समय मुझे कोई प्वॉइंट याद नहीं, सिर्फ मैच प्वॉइंट याद है। मुझे अपनी डबल फॉल्ट भी याद है। Photo courtesy: US Open