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कोचों को पहचान मिलना जरूरी : गोपीचंद

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, बुधवार, 7 सितम्बर 2016 (19:01 IST)
मुंबई। भारतीय बैडमिंटन राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए कोचों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ सम्मानित करने और पहचान देने की भी जरूरत है।              
गोपीचंद हाल ही में सम्पन्न रियो ओलंपिक में देश के लिए बैडमिंटन में रजत पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधू के कोच हैं। उनके कुशल मार्गदर्शन में चार वर्ष पहले लंदन ओलंपिक में देश की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता था।        
            
गोपीचंद ने यहां सिंधू को उनकी पदक उपलब्धि पर सम्मानित किए जा रहे एक सम्मान समारोह में कहा कि बेहतर परिणाम के लिए भारतीय एथलीटों के लिए नियुक्त कोचों को सम्मानित किए  जाने के साथ उन्हें पहचान दिलाना भी जरूरी है। 
 
उन्होंने कहा, कोचों के लिए  पहचान बेहद जरूरी है। मेरा मानना है कि उन्हें प्रशिक्षित तथा सम्मानित किए  जाने की जरूरत है। उन्हें प्रेरित किए  जाने की जरूरत है और खिलाड़ियों की भांति ही उनका भी उत्साह बढ़ाए जाने की जरूरत है।
 
गोपीचंद ने कहा, आप बहुत अच्छे संरचनात्मक विकास के बावजूद अच्छे कोचों के अभाव में अच्छे नतीजे नहीं पा सकते हैं लेकिन यदि आपके पास अच्छे कोच हैं तो ढांचागत सुविधाएं कमजोर होने के बावजूद आप अच्छे नतीजे पा सकते हैं।
                  
भारतीय बैडमिंटन टीम के राष्ट्रीय कोच गोपीचंद ने कहा, देश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है और यदि हमें अंतरराष्ट्रीय जगत में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी सामने लाने हैं तो हमें खेल को अपने जीवन में खास महत्व देना होगा। हमें अपनी खेल प्रणाली की एक बार फिर समीक्षा करने की जरूरत है।
                 
रियो में देश के लिए पदक जीतने वाली सिंधू ने अपने कोच की बातों से सहमति जताते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कोच गोपीचंद के अलावा अपने माता-पिता का भी अपार समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया।                        
सिंधू ने कहा, मैं अपने कोच का तहेदिल से आभार व्यक्त करती हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। उनकी कड़ी मेहनत तथा त्याग की बदौल्त ही मैं बुलंदी को छू पाई हूं। 
 
मैं अपने माता-पिता की भी बेहद आभारी हूं जिन्होंने मुझे एक बेहतर खिलाड़ी बनाने के लिए बहुत छोटी सी ही उम्र में प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था। वे एक वॉलीवाल खिलाड़ी थे लेकिन उन्होंने कभी भी मुझे बैडमिंटन में करियर बनाने से नहीं रोका। मैं अपने प्रशंसकों का भी आभार व्यक्त करती हूं। (वार्ता) 

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