लंदन। चेक गणराज्य के टॉमस बेर्दिच ने वर्ष के आखिरी टेनिस टूर्नामेंट एटीपी फाइनल्स में अपने 17 वर्ष के सुनहरे करियर से संन्यास की घोषणा कर दी। विश्व के 103वीं रैंक के खिलाड़ी ने करियर में 13 खिताब जीते और वर्ष 2015 में अपने करियर की शीर्ष चौथी रैंक पर पहुंचे थे।
34 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी जुलाई 2010 से अक्टूबर 2016 तक विश्व के शीर्ष 10 रैंक खिलाड़ियों में शामिल रहे थे, लेकिन पिछले 2 सत्रों से वे पीठ की चोट से पीड़ित हैं। बेर्दिच अपने करियर में कभी भी ग्रैंड स्लेम नहीं जीत सके। वे वर्ष 2010 में विंबलडन फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन उन्हें फाइनल में राफेल नडाल से हार झेलनी पड़ी।
वर्ष 2012 और 2013 में रादेक स्तेपानेक के साथ मिलकर उन्होंने अपनी राष्ट्रीय चेक टीम को डेविस कप खिताब जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। बेर्दिच ने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष यूएस ओपन के बाद ही उन्होंने संन्यास लेने का फैसला कर लिया था।
टेनिस कोर्ट को अलविदा करने को लेकर उन्होंने कहा, मेरे करियर का यादगार पल विंबलडन फाइनल था। मैंने नोवाक जोकोविच और रोजर फेडरर को हराकर विंबलडन फाइनल में प्रवेश किया था, लेकिन नडाल से जीत नहीं सका। मैंने पेरिस में मास्टर्स जीता और 2 बार डेविस कप खिताब भी जीता, जो मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा।
बेर्दिच ने कहा, यह हैरानी की बात है, लेकिन मेरे लिए विंबलडन सबसे यादगार रहेगा, जिसे मैं करियर में हमेशा याद रखूंगा। यहां तक कि फाइनल में मिली हार भी मेरे लिए सबसे खास पलों में है।
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