अप्रवासियों के लिए बने डिटेंशन होटल में जोकोविच के साथ हो रहा है कैदियों जैसा व्यवहार

Webdunia
शनिवार, 8 जनवरी 2022 (18:11 IST)
मेलबर्न: दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने शनिवार को ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा उन्हें ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश न देने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में दायर याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिछले महीने कोरोना की चपेट में आने के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के लिए अप्रवासन मंजूरी मिल गई थी।

ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग निगम (एबीसी) ने शनिवार को पुष्टि की कि जोकोविच के वकीलों ने उनके ऑस्ट्रेलिया से निर्वासन को चुनौती देते हुए अदालत में जानकारी दी है कि जोकोविच पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे।

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वीजा रद्द होने के मामले में सोमवार को अदालत की सुनवाई से पहले उनके वकीलों ने कहा है कि जोकोविच को ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट के आयोजक टेनिस ऑस्ट्रेलिया से छूट मिली थी। इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के गृह विभाग के एक पत्र में कहा गया था कि जोकोविच को देश में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है।

जोकोविच ने अदालत में जमा एफिडेविट में मेलबोर्न एयरपोर्ट पर हिरासत में लिए जाने के अनुभव के बारे में कहा,“मैंने बताया था कि मैं दिसंबर 2021 में कोरोना संक्रमित हुआ था और इस आधार पर मैं ऑस्ट्रेलियाई सरकार के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार चिकित्सा छूट का हकदार था।”

जोकोविच का कहना है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल (एबीएफ) के अधिकारियों से कहा था कि उन्होंने अपनी ऑस्ट्रेलियाई यात्रा घोषणा सही ढंग से की थी। इसके अलावा अपने वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में कानूनी रूप से प्रवेश करने के लिए सभी आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा किया। ”

अदालत में जमा किए गए एफिडेविट में कहा गया है कि जोकोविच 16 दिसंबर को पहली बार पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन 30 दिसंबर को पिछले 72 घंटों में उन्हें कोरोना का कोई लक्षण और सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं थी। एफिडेविट के मुताबिक एक जनवरी को जोकोविच को ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्रालय से एक दस्तावेज मिला जिसमें बताया गया था कि उनके जवाबों से संकेत मिलता है कि वह ऑस्ट्रेलिया में क्वारंटीन मुक्त आगमन की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इस एफिडेविड के आधार पर संघीय अदालत ने गृह मंत्रालय को रविवार तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय की इकाई ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

डिटेंशन होटल में रहे

ऑस्ट्रेलियन ओपन में अपना 21वां ग्रैंड स्लैम जीतने की उम्मीद में वैक्सीन छूट के दावे के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंचे नंबर एक टेनिस खिलाड़ी जोकोविच तीसरे दिन शनिवार को भी मेलबोर्न में अप्रवासियों के लिए बने डिटेंशन होटल में रहे।

दरअसल यह मसला अब एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया है, क्योंकि सर्बिया का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया जोकोविच के साथ एक कैदी जैसा बर्ताव कर रहा है। यह दुनिया भर में वैक्सीन की अनिवार्यता के विरोधियों के लिए भी ज्वलंत मुद्दा बन गया है।

इस बीच शनिवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन में खेलने आई एक अन्य टेनिस खिलाड़ी चेक गणराज्य की रेनाटा वोराकोवा को भी उनका वीजा रद्द करने के बाद उसी डिटेंशन होटल में भेजे जाने की जानकारी सामने आई, जहां जोकोविच माैजूद हैं। वह भी उसी वैक्सीन छूट के तहत ऑस्ट्रेलिया आईं थी, जैसे जोकोविच आए थे। चेक गणराज्य सरकार के अधिकारियों और एबीसी ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की थी।

एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रेनाटा इस हफ्ते की शुरुआत में मेलबोर्न में खेलीं थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल के अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया छोड़ने के लिए कहा गया। एबीसी ने मामले से परिचित एक सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उनका भी जोकोविच की तरह ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस फैसले को चुनौती देने का इरादा है।

चेक विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम पुष्टि कर सकते हैं कि चेक टेनिस खिलाड़ी रेनाटा वोरासोवा मेलबोर्न में कई अन्य टेनिस खिलाड़ियों के साथ जोकोविच की तरह ही हिरासत में हैं। सिडनी में हमारा महावाणिज्य दूतावास अब स्थिति से निपट रहा है और टेनिस खिलाड़ी के संपर्क में है।”

दुनिया की नंबर 80 की खिलाड़ी रेनाटा ने एक बयान में कहा, “मैं एक कमरे में हूं और मैं कहीं नहीं जा सकती। मेरी खिड़की कसकर बंद है। मैं इसे पांच सेंटीमीटर तक भी नहीं खोल सकती। यहां तक कि खिड़की के नीचे भी हर जगह पहरेदार हैं, जो अच्छा मजाक है। शायद उन्हें लगा कि मैं कूद कर भाग जाऊंगी। वे मेरे लिए खाना लाते हैं और गलियारे में एक गार्ड है। आपको रिपोर्ट करना है यहां काफी पाबंदियां हैं। मुझे कुछ जेल जैसा महसूस हो रहा है। हम एथलीट हैं हम यहां स्थानीय विवादों को सुलझाने के लिए नहीं टेनिस खेलने आए हैं। हमने सभी नियमों को पढ़ा, सभी शर्तों को पूरा किया और लंबी प्रक्रिया के बाद ही हमें छूट मिली।”(वार्ता)

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