नई दिल्ली। नीरज चोपड़ा के लिए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से अधिक केवल प्रतियोगिताओं में भाग लेना ही बड़ी राहत की बात है और भाला फेंक के इस एथलीट ने कहा कि चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद वापसी से उनकी उम्मीद बंधी है कि बुरा दौर गुजर चुका है।
चोपड़ा ने मंगलवार को पोटचेफ्सट्रूम में एसीएनई लीग में 87.86 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। कोहनी की चोट के कारण वह 2019 के पूरे सत्र में प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
हरियाणा का यह 22 वर्षीय एथलीट अभी दक्षिण अफ्रीका में अभ्यास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके अच्छा और राहत महसूस कर रहा हूं। सबसे अच्छा अहसास हालांकि चोट और उसके बाद आपरेशन से उबरकर प्रतियोगिताओं में वापसी करना है।’
उन्होंने 87.86 मीटर भाला फेंका जो कि उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। चोपड़ा ने जकार्ता एशियाई खेलों में 88.06 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। इस स्टार एथलीट ने कहा कि उनका ध्यान अब जुलाई अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना है।
चोपड़ा ने कहा, ‘ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद अब मैं बिना दबाव के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकता हूं। इसके साथ ही ओलंपिक से पहले की प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए अपने अभ्यास और तकनीक पर भी ध्यान दूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं ओलंपिक में पदक जीतने के लिए अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा और इस प्रदर्शन से मेरी उम्मीद बंधी है।’ राष्ट्रमंडल खेल 2018 में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि उनकी कोहनी का दर्द अब ठीक हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रतियोगिता के दौरान अपनी कोहनी में दर्द महसूस नहीं किया। दक्षिण अफ्रीका में मेरा अभ्यास अच्छा चल रहा है। मैने सोचा कि मैं कुछ सतर्कता के साथ शुरुआत करूंगा और अपनी कोहनी पर दबाव नहीं बनने दूंगा।’
चोपड़ा ने कहा, ‘पहले कुछ थ्रो के बाद मैं अच्छा महसूस कर रहा था और कोहनी से मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। इसलिए मैंने अपनी तरफ से प्रयास किया और मुझे अच्छे परिणाम मिले। मैंने लंबे समय बाद इतना लंबा थ्रो किया।’
चोपड़ा को अभ्यास के दौरान कोहनी पर कैप पहने हुए देखा गया लेकिन उन्होंने कहा कि यह जोड़ों को गर्म रखने के लिए पहनी गई है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोहनी पर कैप इसलिए पहनी ताकि कोहनी वाला क्षेत्र गर्म रहे। मुझे पूरी प्रतियोगिता के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई।’