सारी बाधाओं को ठेंगा दिखाकर मणिपुर की पंथोई चानू ऑस्ट्रेलिया में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाली बनेंगी पहली भारतीय फुटबॉलर

26 वर्षीय Panthoi Chanu ने पिछली बार जब अपना सामान पैक किया था तो वह मणिपुर में हिंसा से भागने के लिए किया था

WD Sports Desk
बुधवार, 27 मार्च 2024 (12:56 IST)
(Image Source : X/ @AusCGKolkata)

South Australian Women's National Premier Panthoi Chanu : मणिपुर की गोलकीपर एलंगब पंथोई चानू (Panthoi Chanu) गुरूवार से शुरू होने वाली ‘साउथ आस्ट्रेलियन वुमैन्स नेशनल प्रीमियर लीग’ South Australian Women's National Premier में मेट्रो यूनाईटेड डब्ल्यूएफसी (Metro United WFC) का प्रतिनिधित्व करेंगी जिससे वह आस्ट्रेलिया में पेशेवर फुटबॉल खेलने वाली पहली भारतीय फुटबॉलर बन जाएंगी।
 
इम्फाल के करीब केराक गांव में रहने वाली 26 वर्षीय पंथोई चानू ने पिछली बार जब अपना सामान पैक किया था तो वह मणिपुर में चल रही हिंसा से बचकर भागने के लिए किया था।

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Indian Goalkeeper Panthoi Chanu off to Australia #IndianFootball #australia #panthoichanu pic.twitter.com/zFlR8kppQ3

— Khel Now (@KhelNow) March 26, 2024 >
भारत की यह गोलकीपर बुधवार को तड़के Adelaide के लिए रवाना होगी और आस्ट्रेलिया की महिला फुटबॉल लीग में मेट्रो यूनाईटेड का प्रतिनिधित्व करेंगी जिसके लिए उनका पूरे सत्र का अनुबंध नवंबर तक का है और वह इसमें करीब 18 मैच खेलने के लिए तैयार हैं।
 
मेट्रो यूनाईटैड डब्ल्यूएफसी के मुख्य कोच पॉल मौरिस (Paul Morris) ने कहा कि वह ए लीग क्लब एडीलेड यूनाईटेड एफसी में ट्रेनिंग लेंगी।
 
पंथोई ने मणिपुर की हिंसा के बारे में बात करते हुए पीटीआई से कहा, ‘‘हमारी रातों की नींद उड़ गई थी। केराक से करीब 20 किलोमीटर दूर सबकुछ उजड़ गया था। लेकिन भगवान का शुक्र है कि अब सब कुछ सामान्य है। ’’
 
भारत की गोलकीपर बनने तक की उनकी यात्रा उतार चढ़ाव भरी रही जिसमें उन्हें करियर के लिए खतरनाक बनी चोटों से जूझना पड़ा और साथ ही इस दौरान उन्होंने सामाजिक कायदों के बंधनों को भी तोड़ा।
 
उनके पिता ई चिंगलेनखोम्बा मैतेई और मां ई ओंगबी सैंटी लीमा चाहते थे कि पंथोई अपने बड़े भाई ई चिंगसंग्लकपा मैतेई के नक्शेकदम पर चले जो डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
 
"लड़की लोग खेलती नहीं हैं,'' उनसे अक्सर कहा जाता था। 
 
अपने माता-पिता के शिक्षा को प्राथमिकता देने के दबाव के बावजूद पंथोई ने अपने जुनून को जारी रखा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कुछ करके दिखाना था। मैंने अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत की। ’’

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As a proud South Aussie myself – I’m thrilled to meet with Panthoi Chanu who is travelling to Adelaide to play for @MetroUnitedWFC ; and we are happy to be sending her off with a #Matildas ball! Best of luck!@TheMatildas @FootballAUS pic.twitter.com/GT3i8oHLP1

— Australian Consulate-General Kolkata (@AusCGKolkata) March 26, 2024 >
2008 में उन्हें महिला फुटबॉल अकादमी के लिए चुना गया और तब वह 10 साल की थीं, उनकी यात्रा वहीं से शुरू हुई।
 
फिर वह ‘स्पोर्टिंग यूनियन’ में चली गईं और 19 वर्षीय गोलकीपर को रियो ओलंपिक 2016 (Rio Olympics 2016) के क्वालीफायर के पहले राउंड के लिए टीम में चुना गया।
 
वह 2017-18 में इंडियन वुमैन्स लीग के दूसरे सत्र में ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन का प्रतिनिधित्व करते हुए सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर बनीं। उन्होंने दो बार (2014 और 2016)  SAFF Championships और दो बार (2016 और 2019)  South Asian Games में भी जीत हासिल की।
 
उन्होंने 2019 में मणिपुर के साथ सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती जिसमें उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर भी चुना गया।
 
इसके बाद उन्हें करियर के लिए खतरा पैदा करने वाली दो चोटों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 2023 में नेपाल के खिलाफ एक मैत्री मैच में मैदान पर अपनी जगह दोबारा हासिल करने के लिए कड़े रिहैबिलिटेशन से गुजरीं। (भाषा)
 

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