बेंगलुरु। भारतीय पुरुष हॉकी टीम 4 देशों के आमंत्रण टूर्नामेंट के लिए शुक्रवार सुबह बेंगलुरु स्थित केम्पेगोड़ो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से न्यूजीलैंड दौरे के लिए रवाना हो गई। भारतीय हॉकी टीम कीवी दौरे पर बेल्जियम, न्यूजीलैंड और जापान से 5 दिनों की 2 अलग-अलग सीरीज खेलेगी, जिसकी शुरुआत तौरंगा के ब्लैक पार्क में 17 जनवरी से होगी।
इसके बाद हैमिल्टन के गालाघेर हॉकी सेंटर में 28 जनवरी से 5 मैचों की अन्य सीरीज शुरू होगी। भारत ने इस दौरे के लिए युवा टीम उतारी है जिसमें कप्तान मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में 4 नवोदित खिलाडियों को भी टीम का हिस्सा बनाया गया है।
कप्तान एवं 25 वर्षीय मिडफील्डर ने टूर्नामेंट को अहम बताते हुए कहा कि शीर्ष टीमों के खिलाफ सत्र की शुरुआत करना हमेशा अच्छा होता है। इस वर्ष विश्व कप में हमारे पूल में बेल्जियम है और हम उनके साथ जितने मैच खेलें, उतना अच्छा होगा। मनप्रीत ने कहा कि न्यूजीलैंड और जापान की टीमों के साथ भी हमें खेलने का मौका मिलेगा, जो गोल्ड कोस्ट में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हमारी तैयारियों में मददगार होगा।
उन्होंने साथ ही कहा कि भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड लीग 2017 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और जर्मनी जैसी टीमों के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन किया उसने खिलाड़ियों को काफी आत्मविश्वास दिया है। कप्तान ने कहा कि इन बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना बहुत जरूरी है। इससे पहले हमें शीर्ष टीमों के खिलाफ अच्छा खेलने का आत्मविश्वास नहीं था। लेकिन हमें अब अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है कि हम किसी भी टीम के खिलाफ बढ़िया खेल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस टूर्नामेंट की सबसे युवा टीम हैं और हमारे प्रदर्शन से युवाओं का मनोबल बढ़ेगा। भारतीय टीम के लिए 2018 का वर्ष सबसे चुनौतीपूर्ण होने वाला है, जहां उन्हें ऑस्ट्रेलिया में गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और ओडिशा में पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलना है। युवा मिडफील्डर ने कहा कि हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के बाद हमें अपनी कमियों के बारे में पता चला।
उन्होंने कहा कि हमें पता है कि डिफेंस में हम अच्छा कर सकते हैं, मैन टू मैन मार्किंग में भी हम काफी मजबूत हैं और हमने कैंप में इसी पर अभ्यास किया। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस वर्ष हमें काफी चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंटों में उतरना है। हम राष्ट्रमंडल में उतर रहे हैं तथा एशियन गेम्स में तो हमें अपने खिताब का बचाव करना है। जरूरी है कि हम अपनी कमियों को ताकत में बदलें और इन टूर्नामेंटो में बेहतरीन खेलें। (वार्ता)